नई दिल्ली (वीकैंड रिपोर्ट)- Aligarh Muslim University deserves minority status… सुप्रीम कोर्ट ने अपने 57 साल पुराने अपने फैसले को पलटते हुए कहा है कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) अल्पसंख्यक दर्जे की हकदार है।
Aligarh Muslim University deserves minority status... सात जजों की बेंच ने 4-3 के बहुमत से अपना फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने एएमयू का अल्पसंख्यक दर्जा बरकरार रखा है। मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ में से खुद सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस जेडी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा ने संविधान के अनुच्छेद 30 के मुताबिक अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के अल्पसंख्यक संस्थान के दर्जे के कायम रखने के पक्ष में फैसला दिया। शीर्ष अदालत ने कहा कि एएमयू एक अल्पसंख्यक संस्थान है।
Aligarh Muslim University deserves minority status… मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि कोई भी धार्मिक समुदाय संस्थान की स्थापना कर सकता है। मगर धार्मिक समुदाय संस्था का प्रशासन नहीं देख सकता है। संस्थान की स्थापना सरकारी नियमों के मुताबिक की जा सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) संविधान के अनुच्छेद 30 के तहत अल्पसंख्यक दर्जे का हकदार है।
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