नई दिल्ली (वीकैंड रिपोर्ट): WHO की एक रिपोर्ट के अनुसार साल 2030 तक दुनिया में डायबिटीज (Diabetes) 7वीं सबसे घातक बीमारी बन जाएगी। डायबिटीज (Diabetes) की समस्या आज के समय में बेहद आम हो चुकी है, खराब लाइफस्टाइल के कारण ज्यादातर लोग इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। इस बीमारी से पीड़ित लोगों की इम्युनिटी कमजोर होती है जिस वजह से उन्हें अपनी सेहत की ओर विशेष ध्यान देना चाहिए। बता दें कि जब शरीर में ब्लड शुगर की मात्रा अनियंत्रित हो जाती है तब डायबिटीज (Diabetes) का खतरा बढ़ जाता है। ये बीमारी शरीर के कई हिस्सों को प्रभावित करती है जिसमें दिल, किडनी, आंख व पैर मुख्य तौर पर शामिल हैं। आइए जानते हैं विस्तार से –
किडनी: अगर किसी व्यक्ति के ब्लड शुगर का स्तर लंबे समय से बढ़ा हुआ है तो उनकी किडनी भी प्रभावित हो सकती है। डॉक्टर्स मानते हैं कि इससे किडनी की ब्लड वेसल्स डैमेज हो सकते हैं। बता दें कि शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकलने का कार्य इन्हीं वेसल्स के द्वारा किया जाता है। शरीर में रक्त शर्करा का स्तर बढ़ने से किडनी को ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है। इसके प्रभाव से किडनी के फिल्टर करने की क्षमता खराब हो जाती है। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का मानना है कि किडनी फेलियर के प्रमुख कारणों में से एक है किडनी।
दिल: डायबिटीज (Diabetes) के मरीजों को हृदय रोग का खतरा अधिक होता है। मधुमेह रोगियों का ब्लड वेसल डैमेज हो सकता है। इस स्थिति में लोगों के शरीर में ब्लड क्लॉट्स बनने लगते हैं, जिससे हार्ट अटैक का खतरा बनता है।
आंखें: अनियंत्रित डायबिटीज (Diabetes) से आंखों की ब्लड वेसल्स डैमेज होने का खतरा भी रहता है। रेटिना में भी छोटी-छोटी वेसल्स होती हैं, जिसमें ब्लड शुगर बढ़ने पर स्वेलिंग आ जाती है। इसके कारण ये कमजोर हो जाते हैं और लोग डायबिटिक रेटिनोपैथी का खतरा हो सकता है। इससे अंधेपन होने की भी संभावना रहती है। इतना ही नहीं, डायबिटीज (Diabetes) के मरीजों में मोतियाबिंद की परेशानी भी देखी जा सकती है।
दिमाग: मधुमेह रोगियों में स्ट्रोक से पीड़ित होने का जोखिम रहता है। इस कारण शरीर को गंभीर नुकसान हो सकता है या फिर मरीज की जान भी जा सकती है। वहीं, डायबिटीज (Diabetes) के कारण याद्दाश्त कमज़ोर होने की भी समस्या देखने को मिलती है।
त्वचा: डायबिटीज (Diabetes) के मरीजों को त्वचा संबंधी दिक्कतें हो सकती हैं। इससे घाव, छाले, ड्राय स्किन या फिर स्किन इंफेक्शन का खतरा बना रहता है।