नई दिल्ली (वीकैंड रिपोर्ट): Risk of death… अत्यधिक बारिश के मद्देनजर मौत का जोखिम बढ़ गया है जिसमें हृदय और फेफड़ों की बीमारियों के कारण होने वाली मौत भी शामिल है। एक अध्ययन से यह जानकारी मिली है। अनुसंधानकर्ताओं ने दुनियाभर में बारिश की 62,000 से अधिक घटनाओं पर आधारित एक अध्ययन में कहा कि जलवायु परिवर्तन के कारण अत्यधिक तेज और बार-बार होने वाली अल्पकालिक बारिश से ऐसे सबूत सामने आ रहे हैं कि जो इन घटनाओं तथा स्वास्थ्य पर उनके प्रतिकूल असर विशेष रूप से संक्रामक रोगों के प्रसार के बीच एक मजबूत संबंध का सुझाव देते हैं। यह अध्ययन ब्रिटिश मेडिकल जर्नल में प्रकाशित हुआ है।
Risk of death… उन्होंने 34 देशों और क्षेत्रों के 645 स्थानों से 1980 से 2020 तक दर्ज किए गए दैनिक मौत और वर्षा के आंकड़ों पर गौर किया। किसी भी कारण से कुल 10 करोड़ मौत के मामलों और हृदय व फेफड़ों की स्थिति के कारण क्रमश: 3.1 करोड़ और 1.15 करोड़ से अधिक मौत के मामलों का विश्लेषण किया गया।
अत्यधिक वर्षा वाले दिन का संबंध बेहद खराब मौसम के बाद 14 दिन तक किसी भी कारण से होने वाली मौत के मामलों में आठ फीसदी वृद्धि से जुड़ा पाया गया।
ऐसी घटना का संबंध हृदय संबंधी बीमारी के कारण मौत के मामलों में पांच फीसदी की वृद्धि और बारिश के बाद एक पखवाड़े में फेफड़ों से जुड़ी मौत के मामलों में करीब 30 फीसदी वृद्धि से है।
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