
नई दिल्ली (वीकैंड रिपोर्ट)- Ajab Gajab : दक्षिण अफ्रीकी जनजाति योनोमामी लोगों के लिए मृत्यु सिर्फ शरीर का अंत नहीं, बल्कि आत्मा की यात्रा का एक पड़ाव है। वे मानते हैं कि जब कोई व्यक्ति मरता है, तो उसकी आत्मा तब तक शांति नहीं पा सकती जब तक कि उसके शरीर के अंतिम अवशेषों को सही तरीके से सम्मानित न किया जाए। इस जनजाति के लोग आमतौर पर कपड़े नहीं पहनते हैं और खुले आसमान के नीचे सोते हैं। इनकी जीवनशैली बेहद सरल है और ये लोग शिकार और खेती पर निर्भर रहते हैं।
Ajab Gajab : जनजाति की रस्में और रिवाज भी बेहद दिलचस्प हैं, जो इनकी गहरी आध्यात्मिक मान्यताओं को दर्शाते हैं। ये आदिवासी समुदाय अपने परिजनों के निधन के बाद बेहद अनोखे अंतिम संस्कार की रस्म निभाते हैं। इस रस्म में वे मृत व्यक्ति की हड्डियों की राख को एक विशेष तरीके से तैयार करके सूप बनाते हैं और फिर उसे पीते हैं। उनका मानना है कि इस क्रिया से वे मृत आत्मा की रक्षा करते हैं और उसे शांति प्रदान करते हैं। यह समुदाय मृत्यु को आखिरी पड़ाव नहीं, बल्कि एक नए रूप में जीवन की शुरुआत मानता है।
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