Story Of Mother’s Day : भारत समेत कई देशों में हर साल मई के दूसरे रविवार को मदर्स डे मनाया जाता है। इस साल भारत में 12 मई को मदर्स डे मनाया जाएगा। एक बच्चे के लिए उसकी मां की क्या अहमियत होती है, इसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता। मां सिर्फ बच्चे को जन्म ही नहीं देती बल्कि उसका पालन-पोषण करने के साथ जीवन के हर सुख-दुख में अपने बच्चे के साथ भी खड़ी रहती है। आज हम आपको बताएंगे कि मदर्स डे कब और क्यों मनाया जाता है। इस दिन हम अपनी मम्मी को गिफ्ट देते हैं, उनके साथ कहीं घूमने जाते हैं या उनके लिए कुछ खास प्लान करते हैं, ताकि वे रिलैक्स कर सकें और खुश हो जाएं। लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि इस दिन को मनाने की शुरुआत कैसे हुई थी। जानेंगे कि कैसे हुई थी Mother’s Day मनाने की शुरुआत और क्या है इसके पीछे की कहानी।
जानिए कैसे हुई मदर्स डे की शुरुआत?
Story Of Mother’s Day : इस दिन को मनाने की शुरुआत एना रीव्स जार्विस ने की थी। इसके पीछे कहानी ऐसी है कि इस दिन के जरिए एना अपनी मां एन रीव्स जार्विस को श्रद्धांजलि देना चाहती थीं। उनकी मां, गृहयुद्ध के समय एक एक्टिविस्ट की तरह काम करती थीं। जब 1904 में उनकी मृत्यु हुई, तो उनकी याद में उनकी पहली पुण्यतिथि पर वेस्ट वर्जिनिया में एक आयोजन किया, जिसमें उन्होंने अन्य महिलाएं, जो मां बन चुकी थीं, को सफेद कार्नेशन दिए, जो उनकी मां के पसंदीदा फूल थे। इसके बाद उन्होंने फैसला किया कि हर साल Mother’s Day मनाया जाना चाहिए, जिसके लिए उन्होंने कई कैंपेन किए और अंत में अमेरिकी राष्ट्रपति वुड्रो विल्सन ने 1914 में हर साल मई के दूसरे रविवार को मदर्स डे की तरह मनाने की घोषणा की। इस तरह हुई मदर्स डे मनाने की शुरुआत।
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