जालंधर (वीकैंड रिपोर्ट)- New Vice-Chancellor of DAV University : प्रतिष्ठित शोधकर्ता और उत्कृष्ट शिक्षाविद प्रोफेसर (डॉ) मनोज कुमार ने डीएवी यूनिवर्सिटी जालंधर के वाईस चांसलर का पदभार संभाला है। उन्होंने कार्यकारी वाईस चांसलर डॉ जसबीर ऋषि से पदभार ग्रहण किया। इससे पहले डॉ मनोज डीएवी इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (डेविएट), जालंधर में प्रिंसिपल थे। गायत्री मंत्र के पवित्र मंत्रोच्चार के बीच डॉ मनोज द्वारा पदग्रहण के समय डीएवी सीएमसी की निदेशक जे काकरिया, यूनिवर्सिटी के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर राजन गुप्ता, कार्यवाहक रजिस्ट्रार डॉ के एन कौल और फैकल्टी और स्टाफ भी उपस्थित थे।
विश्वविद्यालय की चांसलर डॉ पूनम सूरी ने डॉ मनोज कुमार को अपनी शुभकामनाएं देने के लिए उन्हें फोन किया।डॉ सूरी ने कहा कि डॉ मनोज कुमार की रणनीतिक योजना क्षमता और टीम प्रबंधन कौशल डीएवी विश्वविद्यालय को एक अग्रणी संस्थान बना देगा। पंजाब तकनीकी विश्वविद्यालय (पीटीयू), जालंधर से इलेक्ट्रॉनिक्स और संचार इंजीनियरिंग (रजत पदक के साथ) में पीएचडी और एम टेक, डॉ मनोज कुमार चार्टर्ड मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट, यूके से प्रबंधन और नेतृत्व में सर्टिफाइड हैं। उन्हें 2019 में यूके-इंडिया एजुकेशन एंड रिसर्च इनिशिएटिव (UKIERI) के तहत AICTE और ब्रिटिश काउंसिल द्वारा यूके स्टडी टूर के लिए भी चुना गया था।
New Vice-Chancellor of DAV University : Dr. Manoj Kumar
उन्हें नवीन शिक्षण तकनीकों, औद्योगिक सहयोग को आकर्षित करने और छात्रों के क्वालिटेटिव प्लेसमेंट सुनिश्चित करने के लिए जाना जाता है। वह एआईसीटीई और ब्रिटिश काउंसिल द्वारा मान्यता प्राप्त नेतृत्व प्रबंधन में एक मास्टर ट्रेनर भी हैं।डॉ मनोज कुमार ने ज्वाइन करने के बाद अपनी प्राथमिकताओं का विवरण देते हुए कहा कि उनका उद्देश्य डीएवी विश्वविद्यालय में अनुसंधान और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को बढ़ाना है “मेरा उद्देश्य छात्रों को उद्योग के लिए तैयार और अधिक रोजगार योग्य बनाना है,” उन्होंने कहा। उन्होंने ऑप्टिकल और वायरलेस संचार के विविध क्षेत्रों में उत्कृष्ट शोध किया है। डॉ मनोज कुमार को विप्रो मिशन 10X द्वारा मान्यता प्राप्त भारत भर के शीर्ष 25 अकादमिक नेताओं में से एक होने का गौरव भी प्राप्त है।
वह वर्ष 2006 के लिए “इंडियन सॉलिडेरिटी काउंसिल” द्वारा “ज्वेल ऑफ इंडिया” पुरस्कार प्राप्तकर्ता है, भारत सरकार द्वाराप्रायोजित इम्पैक्ट परियोजना के तहत ऊर्जा विभाग से सर्वश्रेष्ठ पीआई समन्वयक पुरस्कार भी प्राप्त कर चुके हैं।उन्होंने नौ पीएचडी उम्मीदवारों का पर्यवेक्षण किया है, प्रमुख पत्रिकाओं और सम्मेलन की कार्यवाही में 130 शोध लेख प्रकाशित किए हैं, आठ पाठ्यपुस्तकें लिखी हैं और उनके क्रेडिट में दो पेटेंट हैं। वह अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों के लिए एल्सेवियर साइंस के इंटरनेशनल जर्नल-ऑप्टिकल फाइबर टेक्नोलॉजी, स्प्रिंगर, आईसीएफएआई जर्नल्स और वर्ल्ड साइंटिफिक एंड इंजीनियरिंग एकेडमी एंड सोसाइटी (डब्ल्यूएसईएएस) के समीक्षक हैं वह द इंस्टीट्यूशन ऑफ इलेक्ट्रॉनिक्स एंड टेलीकम्युनिकेशन इंजीनियर्स एंड इंस्टीट्यूशंस ऑफ इंजीनियर्स इंडिया के फेलो, द इंडियन साइंस कांग्रेस एसोसिएशन के लाइफ मेंबर भी हैं।