जालन्धर (वीकैंड रिपोर्ट) : कोविड-19 की स्थितियों से उचित रूप से निपटने तथा विद्यार्थियों में अच्छे सहायक के कौशल को विकसित करने के लिए इनोसैंट हर्ट्स ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशंस ने ‘साइको-सोशल स्किल्स ऑफ गुड हैल्पर’ विषय पर एक वर्कशॉप का आयोजन किया। वर्कशॉप में कृतिका पुनिया (टीम सदस्य, महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण शिक्षा परिषद्, एमजीएनसीआरई) रिसोर्स पर्सन के रूप में उपस्थित हुई। निधि शर्मा (एचओडी, एमएलएस विभाग) द्वारा रिसोर्स पर्सन का स्वागत किया गया। ग्रुप डायरैक्टर डा. शैलेश त्रिपाठी ने कोविड-19 में इस कार्यशाला के महत्त्व पर ज़ोर देते हुए कहा कि कैसे सहानुभूति ही महामारी के समय जीवन का समर्थन और बचाव कर सकती है।
कृतिका ने विद्यार्थियों को एक अच्छे सहायक के गुणों से परिचित कराया। उन्होंने कहा कि एक अच्छे सहायक को सबसे पहले कोविड पीडि़तों की भावनाओं, व्यवहार व विचारों को ध्यान से सुनकर समझना चाहिए, फिर उनके प्रति सहानुभूति दिखाते हुए, सकारात्मक दृष्टिकोण से उनका समर्थन करते हुए उन्हें सही निर्णय लेने के लिए प्रेरित करना चाहिए। सेशन के दौरान उन्होंने एक अच्छे समाज सेवी के व्यवहार को प्रदर्शित करने के लिए छात्रों के साथ रोल प्ले और समूह गतिविधियां भी आयोजित की।
इस दौरान उन्होंने कोविड पीडि़तों की जानकारी को समझते हुए उनकी समस्याओं को हल करने के लिए व्यावहारिक सलाह प्रदान करने पर विद्यार्थियों का ध्यान केन्द्रित किया। सभी विद्यार्थियों ने सेशन में सक्रिय रूप से भाग लिया और अच्छे सहायक के गुणों को सीखने के लिए रोल प्ले व ग्रुप एक्टिविटिज़ में अपनी सकारात्मक प्रतिक्रिया दी। ग्रुप डायरैक्टर डा. शैलेश त्रिपाठी ने रिसोर्स पर्सन का धन्यवाद करते हुए कहा कि इस वर्चुअल सेशन से विद्यार्थियों को कोविड रोगियों के मनोवैज्ञानिक घावों को ठीक करने और उन्हें महामारी के दौरान तनाव व चिंता से दूर करने में मदद करेगा।
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