सिंगापुर ने कोविड पर काबू पाने के लिए तेजी और कड़ाई के साथ टीकाकरण अभियान चलाया ।
कोरोना संक्रमण ने दुनिया के ज्यादातर देशों को काफी प्रभावित किया है। वहां के लोगों को रहन-सहन और दिनचर्या बदली है। सरकारों ने भी कड़े कदम उठाकर संक्रमण पर काबू पाने की कोशिशें की है। इस लिहाज से यह देखा जाना चाहिए कि कौन-सा ऐसा देश है, जो कोविड के दौर में रहने लायक सबसे अच्छा देश कहा जा सकता है।
ब्लूमबर्ग ने कई मानकों को ध्यान में रखते हुए रैंकिंग तैयार की है, जिसमें सिंगापुर पहले स्थान पर है। जबकि न्यूजीलैंड एक स्थान फिसलकर दूसरे स्थान पर आ गया है।
सिंगापुर को यहां पहुंचाने के लिए इसके टीकाकरण प्रोग्राम की प्रमुख भूमिका है। वहीं न्यूजीलैंड की गति धीमी है। मौजूदा हालात में भारत की रैंकिंग भी गिरी है। सिंगापुर ने कोविड पर काबू पाने के लिए जिस तेजी और कड़ाई के साथ टीकाकरण अभियान चलाया, उससे काफी हद तक संक्रमण पर रोक लग सकी। इसके अलावा यहां बंदिशें जारी हैं। बाहर जाने के लिए नियम कड़े हैं और सीमा भी कड़ी सुरक्षा है। बाहर से आने वाले हर सामान की जांच होती है।
इतना ही नहीं प्रवासी मजदूरों को भी कोविड जांच के बाद ही शहर में एंट्री दी जा रही हैं। फिलहाल पूरे इलाके में संक्रमण के मामले शून्य हैं। नागरिकों को घूमने-फिरने की छूट है लेकिन नियमों के साथ। वे लाइव कंसर्ट में भी जा सकते हैं और रेस्तरां भी। 60 लाख की कुल जनसंख्या वाले सिंगापुर में 15 फीसदी आबादी को दोनों डोज लग चुके हैं।
न्यूजीलैंड में धीमे टीकाकरण से परेशान
न्यूजीलैंड की बात करें तो सिंगापुर और उसके बाद ताइवान और ऑस्ट्रेलिया से उसकी कहानी अलग नहीं है। लेकिन वहां टीकाकरण धीमा पड़ रहा है। जबकि फ्रांस और चिली जैसे देशों में जहां लोगों को छूट मिली तो संक्रमण बढ़ता ही गया। पोलैंड और ब्राजील की स्थिति भी खराब है। कुल 53 देशों की सूची में दोनों देश आखिरी दो स्थान पर हैं। मैक्सिको 48वें स्थान पर है। उनके टीकाकरण कार्यक्रम में तेजी आई है।
देखें कौन से नंबर पर है भारत
कोरोना की दूसरी लहर से प्रभावित भारत रैंकिंग में 10 अंक लुढ़क कर 30वें स्थान पर गया है। भारत को टीकाकरण की गति बढ़ानी होगी। इस रैंकिंग में संक्रमण के मामले, मौतें, वैक्सीन, लोगों को आने-जाने की सुविधा और टीकाकरण की रफ्तार को मानक बनाया गया है।