चेन्नई (वीकैंड रिपोर्ट): Madras High Court : मद्रास हाई कोर्ट ने एक अहम टिप्पणी की है। कोर्ट ने अपने बयान में कहा कि शादी का मतलब बस शरीरिक सुख ही नहीं होता, परिवार बढ़ाना भी होता है। कोर्ट ने आगे कहा कि यही एक मात्र आधार पर जिससे परिवार की चेन आगे बढ़ती है। कोर्ट ने इसे आपसी जोड़ के लिए भी जरूरी बताया।
यह भी पढ़ें : Cinema Hall Kashmir : श्रीनगर में लौटा मल्टीप्लेक्स का दौर, मनोज सिन्हा ने सिनेमा हॉल का किया उद्घाटन
जस्टिस कृष्णन रामास्वामी ने केस की सुनवाई के दौरान कहा कि दंपति के बीच संबंध खत्म हो सकते हैं। लेकिन उनका बच्चों के साथ माता और पिता के तौर पर संबंध बना रहता है। पत्नी ने कोर्ट से शिकायत की थी कि उसका वकील पति उसे बच्चे से नहीं मिलने दे रहा है और इस तरह वह कोर्ट के आदेशों का पालन करने में विफल रहा है। इसलिए पत्नी ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और पेरेंटल एलिएनेशन (एक पैरेंट द्वारा बच्चे को दूसरे पैरेंट से दूर रखने के लिए भड़काना या खिलाफ करना) का आरोप लगाया।
Madras High Court : पेरेंटल एलिएनेशन को अमानवीय और बच्चे के लिए खतरा बताते हुए जस्टिस रामास्वामी ने कहा कि एक बच्चे को एक पैरेंट के खिलाफ करना बच्चे को अपने खिलाफ करना है। कोर्ट ने कहा कि एक बच्चा जिसे जीवन भर चलने तक या कम से कम वयस्क होने तक माता और पिता दोनों को पकड़ने के लिए दो हाथों की सख्त जरूरत होती है।
देश विदेश की खबरों के लिए अभी डाउनलोड करें हमारा मोबाइल ऐप :- CLICK HERE
हमारा व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करें :- CLICK HERE
हमारा यूट्यूब चैनल भी सब्सक्राइब करें :- CLICK HERE
नई व ताज़ा खबरों के लिए लाइक करें हमारा फेसबुक पेज :- CLICK HERE
-----------------------------------------------------------------
देश-दुनिया की ताजा खबरों के लिए >>>Join WhatsApp Group Join<<< करें। आप हमें >>>Facebook<<< फॉलो कर सकते हैं। लेटेस्ट खबरें देखने के लिए हमारे यूट्यूब चैनल को भी सबस्क्राइब करें।
-----------------------------------------------------------------