जालंधर (वीकैंड रिपोर्ट): संस्कृत दिवस के उपलक्ष्य में हंस राज महिला महाविद्यालय में विद्यार्थियों में संस्कृत दिवस की महत्ता तथा संस्कृत जैसी समृद्ध भाषा के विषय के प्रति छात्राओं की जागरूकता बढ़ाने के लिए अन्त: कक्षा निबन्ध लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसके विषय ‘आधुनिक युग में संस्कृत की महत्ता’ तथा ‘नैतिकता का मूलाधार वेद’ रखे गए। इस प्रतियोगिता में न केवल संस्कृत बल्कि अन्य भाषाओं से संबंधित छात्राओं ने भी बढ़-चढकऱ भाग लिया।
ऋषि ही संस्कृत साहित्य के आदि स्रोत है । इसलिए सावन पूर्णिमा को ऋषि पर्व और संस्कृत दिवस के रूप में मनाया जाता हैै। इस सुअवसर पर महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो. डॉ. (श्रीमती) अजय सरीन जी ने कहा कि संस्कृत भाषा हमारी संस्कृति की धरोहर है। इसकी महत्ता को नई पीढ़ी तक पहुंचाना चाहिए। भारत के इतिहास में सबसे अधिक मूल्यवान और शिक्षाप्रद सामग्री हमें वैदिक संस्कृत के अध्ययन से ही मिलती है और आधुनिक युग में भी इसे कम्प्यूटर प्रोग्रामिंग के लिए सर्वश्रेष्ठ भाषा माना गया है। उन्होंने पुरस्कृत छात्राओं तथा प्राध्यापक वर्ग को बधाई दी तथा संस्कृत विभाग को अपने इस प्रयास के लिए बधाई देते हुए आगे भी इस तरह की प्रतियोगिताएं करवाते रहने के लिए प्रेरित किया।
इस प्रतियोगिता में कु. खुशी कक्षा बी.ए. सेमेस्टर चार प्रथम, कु. अदिति राना बी.कॉम सैमेस्टर-5 द्वितीय, कु. सिम्मी अग्रवाल बी.कॉम सैमेस्टर पांच तृतीय स्थान पर रही। वहीं कॉलजीएट विंग में कु. सोफ्टी कश्यप कक्षा बारह आर्ट्स प्रथम, कु. गुरप्रीत कौर कक्षा बारह आर्ट्स द्वितीय, कु. साक्षी बदोला कक्षा बारह कॉमर्स तृतीय स्थान पर रही। इस सुअवसर पर वैदिक अध्ययन सोसायटी की डीन श्रीमती ममता कॉलजीएट विंग की कोआर्डिनेटर श्रीमती मीनाक्षी स्याल तथा संस्कृत विभागाध्यक्षा डॉ. मीनू तलवाड़ ने सभी प्रतिभागियों को बधाई देते हुए इस भाषा के महत्व को पहचानने के लिए प्रेरित किया और अपनी संस्कृति से जुडकऱ समाज को अपना अमूल्य योगदान देने के लिए प्रेरित किया।
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