चंडीगढ़ (वीकैंड रिपोर्ट): कम पढ़े-लिखे लोगों से मोटी रकम वसूल कर उन्हें मनमाफिक ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट व डिप्लोमा वाले पाठ्यक्रम के फर्जी सर्टीफिकेट (Fake certificate) तैयार कर मुहैया कराने वाले गैंग का पर्दाफाश हुआ है। मामले में पुलिस ने गिरोह के पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया है। पुलिस (police) का दावा है कि यह गिरोह ट्राईसिटी के अलावा पंजाब, हरियाणा और यूपी में सक्रिया था। आरोपितों को मोहाली पुलिस (police) ने मेरठ, मथुरा व दिल्ली से गिरफ्तार किया है।
पुलिस (police) के मुताबिक आरोपित एक इंटर स्टेट गैंग चला रहे थे। वह खुद को एजुकेशन कंसलटेंट (Education Consultant) बताते थे। गिरफ्तार किए आरोपितों की पहचान निर्मल सिंह उर्फ निम्मा निवासी गांव करतारपुर मुल्लांपुर, विष्णु शर्मा निवासी निधी-1 हाइट कॉलोनी मथुरा यूपी, सुशांत त्यागी निवासी वीर फाउंडेशन मेरठ, आनंद विक्रम सिंह निवासी मकान नंबर-99 दूसरी मंजिल सेक्टर-2 विशाली गाजियाबाद यूपी व अंकित अरोड़ा उर्फ गोरिया उर्फ डोगर निवासी गांव फतेहपुर सियालवा जिला मोहाली के रूप में हुई है। इस गैंग का किगपिन आनंद विक्रम सिंह बताया जा रहा है, जोकि अपैक्स एजुकेशन के नाम से सेंटर चला रहा था। सबसे पहले निर्मल सिंह हुआ गिरफ्तार
एसपी रूरल नवजोत ग्रेवाल ने बताया जीरकपुर थाने के एसएचओ ओंकार सिंह बराड़ को गुप्त सूचना मिली थी कि निर्मल सिंह उर्फ निम्मा नाम का व्यक्ति कम पढ़े लिखे युवक-युवतियों से मोटी रकम वसूलकर उनके आइडी प्रूफ पर उन्हें ग्रेजुएट, पोस्ट ग्रेजुएट व डिप्लोमा के सर्टीफिकेट तैयार करके देता है। पुलिस (police) ने निर्मल सिंह को गिरफ्तार कर उसके खिलाफ जीरकपुर थाने में एफआईआर नंबर-48 दर्ज की। पूछताछ में खुलासा हुआ कि वह अकेला नहीं बल्कि उसके चार साथी और इस गोरखध्ाधे में शामिल हैं। वह यह जाली सर्टीफिकेट बनाने का धंधा वर्ष 2012 से कर रहे हैं और उनके संपर्क में आगे 500 एजेंट थे, जोकि इनके पास जाली सर्टीफिकेट के ग्राहक लेकर आते थे। देश के कई हिस्सों में खोला था एजुकेशन सेंटर
आरोपितों की पूछताछ में सामने आया कि गैंग के सदस्यों ने देश के कई हिस्सों में एजुकेशन सेंटर खोले हुए थे। यह लोग अलग-अलग युनिवर्सिटियों की वेबसाइट को हैक कर लेते थे और उनका डाटा चार्ट को ब्रेक करके उनमें अपने तौर पर विद्यार्थियों के नाम पता फीड कर लेते थे और उन विद्यार्थियों के सर्टीफिकेट अपने आफिस में बैठकर आप खुद अपने प्रिटर, स्कैनर व अपने पास अलग-अलग युनिवर्सिटियों की तैयार की हुई स्टैंप लगाकर विद्यार्थियों को उनके घर पोस्ट द्वारा भेज देते थे। इन डिग्रियों को देने के बदले में डिग्री के हिसाब से एक लाख, डेढ लाख व दो लाख रुपए तक मोटी रकम वसूल कर आपस में बांट लेते थे। इन युनिवर्सिटियों के बनाते थे जाली सर्टीफिकेट
आदेश युनिवर्सिटी (बठिडा), आईईसी युनिवर्सिटी (हिमाचल प्रदेश), आइके गुजराल पंजाब टैक्नीकल युनिवर्सिटी जालंधर, बुदेलखंड युनिवर्सिटी झांसी, छत्रपति शाह जी महाराज युनिवर्सिटी कानपुर, चौधरी चरन सिंह युनिवर्सिटी मेरठ, गुरु गोबिद सिंह कालेज आफ एजुकेशन पंजाब गुरु कांसी युनिवर्सिटी तलवंडी साबो, हरियाणा काउंसिल आफ ओपन स्कूलिग, सिक्किम युनिवर्सिटी, काउंसिल फार का इंडियन स्कूल सर्टीफिकेट एग्जामिनेशन न्यू दिल्ली,मानव भारती युनिवर्सिटी सोलन, नेशनल इंस्टीट्यूट आफ ओपन स्कूलिग, पंजाब स्कूल शिक्षा बोर्ड, पंजाब स्टेट बोर्ड आफ टैक्नीकल एंड इंडस्ट्रीयल ट्रेनिग चंडीगढ़ (लाला लाजपत राय कालेज आफ मोगा), पंजाबी युनिवर्सिटी पटियाला शामिल हैं। इनसे जाली डिग्री बनाकर स्टूडेंट्स को दी जाती थी। आरोपितों से हुई बरामदगी
आरोपितों से पुलिस ने आई-20 मोहाली की जाली नंबर कार, 859 जाली सर्टीफिकेट, 546 खाली पेपर जाली र्स्टीफिकेट के लिए, 93 जाली रबड़ की स्टैंप, 5102 जाली होलो ग्राम, 16 जाली रसीद बुकें, 1855 खाली पेपर सर्टीफिकेट तैयार करने वाले, 3 सीपीयू, 2 एलसीडी स्क्रीन, 2 की-बोर्ड, 6 लैपटॉप, 4 प्रिटर, 2 रिम डबल साइड जाली सर्टीफिकेट के लिए 1 फोटो / प्रिटर मशीन बरामद हुआ है।
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