जालंधर (वीकैंड रिपोर्ट) : देश में बहुत से लोग अब आरटी पीसीआर टेस्ट की फर्जी रिपोर्ट को लेकर ट्रेवल कर रहे हैं। देश में कोरोना संक्रमण के दूसरे चरण की तस्वीरें सामने आ रही है और इस बीच लोग आरटी-पीसीआर टेस्ट को जबरन निगेटिव बनाने के जरिए एक बहुत बड़ा अपराध कर रहे हैं। इस बात का सही अनुमान लगाना मुश्किल है, लेकिन यह सच है कि ऐसे लोगों की बड़ी संख्या है जो यह कर रहे हैं। इसमें सिर्फ गरीब लोग ही शामिल नहीं हैं, बल्कि अमीर घर के लोग भी ऐसा कर रहे हैं।
ICMR की नई गाइडलाइन्स
सभी राज्यों को RT-PCR टेस्टिंग को बढ़ावा देना चाहिए. अगर कोई एंटीजन टेस्ट में पॉजिटिव आता है, तो उसका दोबारा कोई टेस्ट नहीं होना चाहिए और होम आइसोलेशन में रहना चाहिए. अगर एंटीजन टेस्ट में नेगेटिव आता है, तो RT-PCR टेस्टिंग होनी चाहिए, लेकिन व्यक्ति होम आइसोलेशन में रहना चाहिए. अगर किसी व्यक्ति को बुखार है या नहीं है, और खांसी, सिरदर्द, शरीर में दर्द, गले में दर्द, टेस्ट और सुगंध का खोना जैसे लक्षण होते हैं, तो उसे कोविड मरीज की तरह ट्रीट करना चाहिए एक बार पॉजिटव आने पर किसी भी व्यक्ति का दोबारा RT-PCR या रैपिड एंटीजन टेस्ट न किया जाए।
कोरोना से ठीक होने वाले मरीज का डिस्चार्ज होते समय टेस्ट जरूरी नहीं है। एक स्वस्थ्य व्यक्ति अगर इंटर स्टेट ट्रैवल कर रहा है तो उसे टेस्ट कराने की जरूरत नहीं होनी चाहिए। इससे लैब पर दबाव कम होगा।जिन्हें कोरोना के लक्षण हैं, उन्हें गैर जरूरी ट्रैवल करने से बचना चाहिए। इससे संक्रमण कम फैलेगा। जिन लोगों में कोरोना के लक्षण नहीं हैं, उन्हें भी ट्रैवलिंग के दौरान कोविड गाइडलाइन का पालन करना चाहिए। राज्यों को मोबाइल सिस्टम के जरिए RT-PCR टेस्ट बढ़ाने पर जोर देना चाहिए।
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