जालंधर (वीकैंड रिपोर्ट): कृषि कानूनों को वापस लेने और भारत सरकार (Indian government) पर दबाव बनाने के लिए दिल्ली बार्डर (Delhi border) पर डटी किसान जत्थेबंदियों की तरफ से आज भारत बंद की कॉल दी गई है, जिसका असर देश भर के साथ-साथ पंजाब में भी देखने को मिल रहा है। मंगलवार सुबह ही सूबे के विभिन्न जिलों में शहरों और गांवों में बाजार बंद रहे और सड़कों पर सन्नाटा पसर गया। बंद के दौरान सुबह 11 बजे से दोपहर 3 बजे तक भारत बंद के तहत देशभर में चक्का जाम रहेगा। वहीं केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली में किसानों के प्रदर्शन का आज 13वां दिन है। किसान केंद्र सरकार से नए कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं। किसानों की मांग है कि केंद्र सरकार नए कृषि कानून को वापिस ले वहीं सरकार किसानों को मनाने की कोशिश में जुटी हुई है।
जालंधर जम्मू राष्ट्रीय मार्ग पूर्ण तौर पर बंद
इसके चलते भोगपुर में किसानों की तरफ से जालंधर जम्मू राष्ट्रीय शाह मार्ग पूर्ण तौर पर बंद कर दिया गया है। भारी संख्या में एकत्रित किसानों की तरफ से राष्ट्रीय मार्ग पर भोगपुर बीच वाले आदमपुर टी प्वाइंट चौक में धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया गया है। भोगपुर पूर्ण तौर पर बंद है। किसान नेताओं की तरफ से भाजपा सरकार की तरफ के पास किये गए खेती बिलों का भारी विरोध किया जा रहा है। इस विरोध के अंतर्गत भारी संख्या में किसान एकत्रित हो रहे हैं और लगातार इस धरने में ट्रालियां शामिल हो रही हैं।
भवानीगढ़ में भी सभी दुकानें बंद
भवानीगढ़ में भी सुबह से ही बंद का असर देखने को मिला रहा है। यहां के सभी बाज़ार और अन्य कारोबार पूरी तरह बंद नज़र आया। यहां के मैन बाज़ार में स्थित चार खंबा मार्केट के दुकानदारों ने अपनी दुकानें बंद करके रोष प्रदर्शन करते हुए केंद्र सरकार विरुद्ध ज़ोरदार नारेबाज़ी की।
सरकार और किसानों के बीच 9 दिसंबर को एक बार फिर से बातचीत होगी। सरकार का कहना है कि वो कृषि कानून वापिस नहीं लेगी लेकिन किसानों की हर समस्या का समाधान निकालने के लिए तैयार है। तेज ठंड के बीच केंद्र के तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हजारों किसान राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर जमे हुए हैं। एक बार फिर से सबकी नजरें बुधवार को सरकार और किसानों के बीच होने वाली वार्ता पर टिकी हुई हैं। बुधवार को भी सरकार किसानों को मना पाती है या फिर किसाने अपनी जिद्द पर अड़े रहते हैं ये तो 9 दिसंबर को पता चलेगा लेकिन सरकार कई बार कह चुकी है कि वह खुले दिमाग से” किसानों की समस्त चिंताओं पर ध्यान देने को तैयार है लेकिन किसान भी उनकी बात सुने।
-----------------------------------------------------------------
देश-दुनिया की ताजा खबरों के लिए >>>Join WhatsApp Group Join<<< करें। आप हमें >>>Facebook<<< फॉलो कर सकते हैं। लेटेस्ट खबरें देखने के लिए हमारे यूट्यूब चैनल को भी सबस्क्राइब करें।
-----------------------------------------------------------------