जालंधर (वीकैंड रिपोर्ट): एच.एम.वी. कॉलीजिएट सीनियर सेकेंडरी स्कूल में प्राचार्य प्रो. डॉ. (श्रीमती) अजय सरीन के प्रोत्साहनात्मक दिशा-निर्देशन अधीन भारतीय योग एवं प्रबंधन संस्थान के सहयोग से ‘तनाव मुक्त सफल और सार्थक जीवन’ विषय पर ऑनलाइन एक्टिविटी आधारित कार्यशाला का शुभारंभ सर्वमंगल कामना हेतु प्रकाश की ज्योति प्रज्ज्वलित कर एवं ज्ञान का प्रतीक गायत्री मंत्र का गायन कर किया गया।
प्राचार्या प्रो. डॉ. (श्रीमती) अजय सरीन ने इस अवसर पर आमन्त्रित विशेषज्ञ श्रीमती शशि खुल्लर एवं डॉ. सुनीता पॉल का सह्रदय स्वागत किया एवं अपने वक्तव्य में कहा कि इस प्रकार के वेबिनार का आयोजन करने का मुख्य उद्देश्य छात्राओं को नकारात्मकता से बाहर निकालकर उन्हें सकारात्मकता की ओर अग्रसर करते हुए उनका सर्वोन्मुखी विकास करना है। उन्होंने कहा कि जीवन में उद्देश्य एवं लक्ष्य प्राप्ति करते समय कई बार मनुष्य का मनोबल टूट जाता है।
ऐसी परिस्थिति से बाहर निकलने के लिए योग एवं ध्यान की प्रक्रिया का ज्ञान होना जरूरी है। इस अवसर पर श्रीमती शशि खुल्लर ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य आपको बाहरी और आंतरिक रूप से संपन्न बनाना है एवं कहा कि शांत और आनंदित जीवन ही सफलता की पूंजी है। तत्पश्चात् उन्होंने कहा कि तनाव महत्वाकांक्षा, लक्ष्य और तीक्ष्णता के बीच की खाई है।
तनाव तभी उत्पन्न होता है जब हम यह सोचते हैं कि हम जिस लक्ष्य के लिए परिश्रम कर रहे हैं, उसमें सफलता मिलेगी या नहीं। उन्होंने गलत जीवन शैली, प्रकृति से विमुखता, इच्छाएं और संकल्पहीन जीवन से तनाव के मुख्य कारण बताए। उन्होंने छात्राओं को लघु उपदेशात्मक रोचक कहानियों एवं महात्मा गौतम बुद्ध के अष्टमार्ग के विषय में भी ज्ञानवर्धक विचार सांझा करते हुए छात्राओं को जीवन के प्रति सकारात्मक सोच को अपनाने के लिए प्रेरित किया। अंत में उन्होंने योग को जीवन का अभिन्न अंग मानते हुए कहा कि योग से कर्म में कुशलता आती है।
अपने संबोधन में उन्होंने छात्राओं द्वारा पूछे गए रोचक प्रश्नों का उत्तर उत्साहपूर्वक दिया। डॉ. सुनीता पॉल ने शिक्षकों एवं छात्राओं को योग एवं चिंतन की प्रक्रिया (ध्यान की प्रक्रिया) का ज्ञानवर्धक ज्ञान प्रदान करते हुए कहा कि योग न केवल व्यायाम है बल्कि यह स्वस्थ, खुशहाल और शांतिपूर्ण तरीके से जीने का प्राचीन ज्ञान है। योग और ध्यान की प्रक्रिया द्वारा आंतरिक शांति एवं आत्मीय ज्ञान प्राप्त कर वह हमें शारीरिक एवं मानसिक स्वस्थता और सुख प्रदान करता है।
जिससे शरीर और मन में ऊर्जा का संचार होता है जो मनुष्य में सकारात्मक विचारों को पैदा कर जीवन में व्याप्त तनाव एवं चिंता का निवारण भी करता है। इस अवसर पर उन्होंने शिक्षकों और छात्राओं को विभिन्न योग मुद्राओं के माध्यम से शारीरिक एवं मानसिक तौर पर स्वस्थ रखने के लिए ऑनलाइन योग भी करवाए। श्रीमती मीनाक्षी स्याल (स्कूल कोआर्डिनेटर) ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए सभी प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष सदस्यों के प्रति आभार व्यक्त किया। वेबिनार के मध्यस्थ की भूमिका निभाते हुए मंच संचालन श्रीमती जसप्रीत कौर ने किया।
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