
जालंधर (वीकैंड रिपोर्ट)- पंजाब के कई जिलों में बारिश के कारण हालात खराब हो गए हैं। प्रदेश के आठ जिले भीषण बाढ़ की चपेट में हैं। रावी दरिया में उफान के कारण पठानकोट के माधोपुर हेडवर्क्स के चार गेट टूट गए जिससे वहां तैनात 50 कर्मचारी फंस गए। उन्हें हेलीकॉप्टर से निकाल लिया गया। माधोपुर हेडवर्क्स का फ्लड गेट टूट गया है, जिससे पानी तेजी से रावी नदी में जा रहा है। इस घटना के बाद लगभग 50 लोग फंसे हुए हैं, जिन्हें बचाने के लिए प्रशासन ने हेलीकॉप्टर से राहत अभियान शुरू किया है। मिली जानकारी के अनुसार, एक कर्मचारी भी लापता है।
रावी-ब्यास और सतलुज नदी का जलस्तर बढ़ने से पठानकोट, गुरदासपुर, तरनतारन, होशियारपुर, कपूरथला, फिरोजपुर और फाजिल्का जिले के 150 से अधिक गांव बाढ़ की चपेट में हैं। पोंग डैम का जलस्तर डेंजर लेवल पार है और बाढ़ का अलर्ट जारी कर दिया गया है। कई गांवों को खाली करवाया गया है। कल सुबह बांध का जलस्तर 1393 फीट के पार पहुंच गया। मंगलवार सायं चार बजे बांध का जलस्तर 1390.56 फीट तक था। खतरे का निशान 1390 फीट है। पौंग बांध से ब्यास नदी में पानी छोड़ने के कारण फतेहपुर और इंदौरा विधानसभा क्षेत्र का मंड एरिया जलमग्न हो गया है।
कपूरथला के डिप्टी कमिश्नर श्री अमित कुमार पंचाल ने ब्यास नदी में बढ़ते पानी के स्तर को देखते हुए प्रभावित मंड क्षेत्र के लोगों से अपील की है कि वे तुरंत सुरक्षित स्थानों पर पहुंच जाएं। उन्होंने कहा कि लोगों की जान की सुरक्षा प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इसलिए जो लोग अभी भी प्रभावित क्षेत्रों में अपने घरों में रह रहे हैं, वे तुरंत बाहर निकलकर सुरक्षित स्थानों पर शरण लें।
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