श्रावस्ती (वीकैंड रिपोर्ट): कोरोना संक्रमण के चलते उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती में 18 मजदूरों को क्वारेंटाइन में रखा गया था। हालात ये रहे कि तीन दिनों तक इन मजदूरों को खाना तक नहीं मिला। इस बात का पता चलने पर प्रशासन ने कार्रवाई करते हुए ग्राम प्रधान को जेल भेज दिया और ग्राम सचिव को निलंबित कर दिया गया है। जमुनहा के विकास अधिकारी जितेन्द्र नाथ दुबे ने बुधवार को बताया कि ओदाही ग्राम पंचायत के एक स्कूल में बनाए गए क्वारेंटाइन सेंटर में बाहर से आए कामगारों को रखा गया था। 6 अप्रैल को जब श्रावस्ती के डीएम यशु रुस्तगी ने औचक निरीक्षण किया तो सेंटर के लोगों ने उनसे शिकायत की कि पिछले तीन दिनों से उन्हें खाना नहीं मिला है।
मामले की जांच करने पर पता चला कि 2 अप्रैल को 16 कामगारों, 3 अप्रैल को 17 और 4 अप्रैल को 18 कामगारों को चाय नाश्ता और खाना देने की बात कागजों में तो दर्ज है, लेकिन वास्तव में इन्हें वह दिया नहीं गया। इसके बाद ग्राम प्रधान को क्वारेंटाइन में रखे गए लोगों को खाना उपलब्ध करवाने की राशि में हेराफेरी करने और आपदा प्रबंधन के काम में बाधा डालने का दोषी पाया गया। जिसके बाद जिलाधिकारी के आदेश पर ग्राम प्रधान बलिराम के खिलाफ थाना मल्हीपुर में मामला दर्ज कर मंगलवार को उसे जेल भेज दिया गया। साथ ही ग्राम सचिव नानबाबू को निलंबित कर उसके खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दिए गए हैं।
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