नई दिल्ली (वीकैंड रिपोर्ट): कोरोना संकट के बीच राहत पैकेज का ऐलान करते हुए हाल में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण यह भी कहा था कि देशभर में वन नेशन-वन राशन कार्ड योजना को लागू किया जाएगा। यह योजना सोमवार यानी आज 1 जून से लागू हो गई है। आइए जानते हैं कि क्या है यह योजना और इसके लिए किन दस्तावेज की जरूरत पड़ती है?
क्या है योजना
दरअसल, यह योजना मोबाइल नंबर पोर्टेबिलिटी की तरह है। मोबाइल पोर्ट में आपका नंबर नहीं बदलता है और आप देशभर में एक ही नंबर से बात करते हैं। इसी तरह, राशन कार्ड पोर्टेबिलिटी में आपका राशन कार्ड नहीं बदलेगा। अगर आसान भाषा में समझें तो एक राज्य से दूसरे राज्य में जाने पर आप अपने राशन कार्ड का इस्तेमाल कर सकते हैं। इस कार्ड से दूसरे राज्य से भी सरकारी राशन खरीद सकते हैं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया था कि 23 राज्यों में मौजूद 67 करोड़ राशनकार्ड धारक (जो कुल आबादी का 83 फीसदी है) अगस्त, 2020 तक नेशनल पोर्टेबिलिटी के तहत आ जाएंगे। हालांकि, मार्च 2021 से पहले 100 फीसदी नेशनल पोर्टेबिलिटी हासिल कर ली जाएगी। इसका फायदा राशन कार्ड रखने वाले सभी लोगों को मिलेगा। सबसे बड़ा फायदा प्रवासी मजदूरों को होगा। उन्हें किसी भी राज्य में कम रेट पर अनाज मिल जाएगा।
राशन कार्ड 10 नंबर का होगा
इसके तहत केंद्र सरकार राज्यों को 10 अंकों का राशन कार्ड नंबर जारी करेगी। इस नंबर में पहले दो अंक राज्य कोड होंगे और अगले दो अंक राशन कार्ड नंबर होंगे। इसके अतिरिक्त राशन कार्ड नंबर के साथ एक और दो अंकों के सेट को जोड़ा जाएगा। इसे देश भर में लागू करने के लिए राशन कार्डों की पोर्टेबिलिटी की सुविधा होगी।
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