नई दिल्ली (वीकैंड रिपोर्ट): अगर आपने कोरोना काल में लोन मोरेटोरियम की सुविधा का लाभ लिया है तो आपके लिए एक अच्छी खबर है. दरअसल, बैंक लोन मोरेटोरियम पर लगने वाले चार्ज की वसूली नहीं करेंगे. ये जानकारी केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को दी है. केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल कर कहा है कि एमएसएमई, एजुकेशन, होम, कंज्यूमर, ऑटो लोन पर लागू चक्रवृद्धि ब्याज को माफ किया जाएगा. इसके अलावा क्रेडिट कार्ड बकाया पर भी ये ब्याज वसूली नहीं की जाएगी. केंद्र सरकार ने हलफनामे में कहा कि महामारी की स्थिति में ब्याज की छूट का भार वहन सरकार करे, ये ही केवल समाधान है.
क्या है इसके मायने
दरअसल, कोरोना संकट की वजह से मार्च में लॉकडाउन लागू किया गया. लॉकडाउन की वजह से काम-धंधे बंद थे, बहुत से लोग लोन की EMI नहीं चुकाने की स्थिति में थे. जिसे देखते हुए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) के आदेश पर बैंकों से EMI नहीं चुकाने के लिए 6 महीने की मोहलत मिल गई. लेकिन सबसे बड़ी समस्या मोरेटोरियम के बदले लगने वाले अतिरिक्त चार्ज को लेकर थी. ये अतिरिक्त चार्ज लोन लेने वाले ग्राहकों के लिए बड़ा बोझ बन रहा था. केंद्र सरकार की ओर से दी गई इस राहत का मतलब ये हुआ कि लोन मोरेटोरियम का लाभ ले रहे लोगों को अब ब्याज पर अतिरिक्त पैसे नहीं देने होंगे. ऐसे ग्राहक सिर्फ लोन का सामान्य ब्याज देंगे.
सुप्रीम कोर्ट ने की थी सख्त टिप्पणी
बता दें कि बीते अगस्त महीने में सुप्रीम कोर्ट ने मोरेटोरियम मामले में केंद्र सरकार पर सख्त टिप्पणी की थी. कोर्ट ने कहा था कि इस बारे में हलफनामा दाखिल कर केंद्र सरकार अपना रुख स्पष्ट करे और रिजर्व बैंक के पीछे छुपकर अपने को बचाए नहीं. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को फटकार लगाते हुए कहा था कि आप सिर्फ व्यापार में दिलचस्पी नहीं ले सकते. लोगों की परेशानियों को भी देखना होगा.
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