
कोलकाता (वीकैंड रिपोर्ट): बंगाल की स्वास्थ्य सेवा शुक्रवार को पूरी तरह से ठप्प रहीं। सरकारी अस्पताल के 700 से ज्यादा डॉक्टरों ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। ऐसा उन्होंने हड़ताल कर रहे जूनियर डॉक्टरों के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए किया। सोमवार को पश्चिम बंगाल के एनआरएस मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में दो इंटर्न डॉक्टरों पर हमला किया गया था। जिससे गुस्साए डॉक्टर हड़ताल पर हैं। उनकी मांग है कि उन्हें पर्याप्त सुरक्षा दी जाए और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो। मुख्यमंत्री ने शुक्रवार की रात डॉक्टरों को मिलने के लिए बुलाया था लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया। जिसके बाद उन्होंने शनिवार को एक बार फिर उन्हें मिलने के लिए आमंत्रित किया है ताकि सरकारी अस्पतालों में जारी हड़ताल को खत्म किया जा सके। डॉक्टरों की मांग हैं कि वह उनसे बिना शर्त माफी मांगे। उन्होंने ममता बनर्जी से बातचीत करने से इनकार कर दिया है। शुक्रवार को सबसे पहले आरजी कार मेडिकल कॉलेज के 107 डॉक्टरों ने इस्तीफा दिया। इसके बाद इस्तीफों का दौर शुरू हो गया। मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के 100, एसएसकेएम के 175, चित्तरंजन नेशनल मेडिकल कॉलेज के 16, एनआरएस मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के 100 और स्कूल ऑफ ट्रॉपिकल मेडिसिन के 33 डॉक्टरों से पद से त्यागपत्र दे दिया। जिन लोगों ने इस्तीफा दिया है उसमें सीनियर डॉक्टरों के अलावा विभागाध्यक्ष भी शामिल हैं। मंगलवार से ही राज्य की स्वास्थ्य सेवा चरमरा रखी है। शुक्रवार को भी सरकारी अस्पतालों की ओपीडी बंद रही।]]>
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