नई दिल्ली (वीकैंड रिपोर्ट): उत्तर प्रदेश के हाथरस में गैंगरेप पीड़िता की मौत के बाद लगातार हलचल जारी है। इस वारदात को लेकर सियासत उफान पर है, तमाम नेता पीड़िता के परिवार से मिलने आ रहे हैं। इसी बीच भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर भी रविवार को पीड़िता के परिवार से मिलने पहुंचे। इस दौरान चंद्रशेखर के साथ सैकड़ों समर्थक मौजूद थे। जिसके बाद उत्तर प्रदेश पुलिस ने चंद्रशेखर समेत 400 अज्ञात लोगों पर धारा 188 और 144 के उल्लंघन के तहत मुकदमा दर्ज़ किया है।
चंद्रशेखर और 400 अज्ञात लोगों पर जिले की सासनी कोतवाली में थाना चङ्पा में मुकदमा दर्ज किया गया है। चंद्रशेखर रविवार को कार्यकर्ताओं के साथ हाथरस में गैंगरेप पीड़िता के गांव पहुंचे थे, पुलिस ने पहले उन्हें पीड़ित के परिजनों से मिलने नहीं दिया, लेकिन काफी हंगामे और लाठीचार्ज के बाद आजाद समेत दस समर्थकों को अनुमति दे दी।
चंद्रशेखर आजाद ने पीड़ित परिवार से घंटेभर बातचीत की थी। परिवार से मिलने के बाद चंद्रशेखर ने पीड़ित परिवार को वाई श्रेणी की सुरक्षा देने की मांग की थी। उन्होंने ये भी कहा था कि ये परिवार यहां सुरक्षित नहीं है, मैं इन्हें अपने साथ घर ले जाऊंगा। उन्होने कहा कि इस मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज से करवाई जाए।
वहीं बसपा प्रमुख मायावती ने एक बार फिर हाथरस कांड को लेकर यूपी सरकार की आलोचना की है, उन्होंने विपक्षी नेताओं को रोके जाने के फैसले को गलत करार दिया है। साथ ही मायावती ने कहा कि घटना के बाद सबसे पहले बसपा के नेताओं ने ही परिवार से मुलाकात की थी।
बीएसपी प्रमुख ने ट्वीट कर लिखा “हाथरस गैंगरेप काण्ड के बाद सबसे पहले पीड़ित परिवार से मिलने व सही तथ्यों की जानकारी के लिए वहां 28 सितम्बर को बीएसपी प्रतिनिधिमण्डल गया था, जिनकी थाने में ही बुलाकर उनसे वार्ता कराई गई थी। वार्ता के बाद मिली रिपोर्ट अतिःदुखद थी, जिसने मुझे मीडिया में जाने के लिए मजबूर किया।”
एक अन्य ट्वीट में उन्होने लिखा “इसके बाद वहां मीडिया के जाने पर भी उनके साथ हुई बदसलूकी तथा कल व परसों विपक्षी नेताओं व लोगों के साथ पुलिस का हुआ लाठीचार्ज आदि अति-निन्दनीय व शर्मनाक। सरकार को अपने इस अहंकारी व तानाशाही वाले रवैये को बदलने की सलाह, वरना इससे लोकतन्त्र की जड़े कमजोर होंगी।”