नई दिल्ली (वीकैंड रिपोर्ट): कोरोना काल में मार्च से सितंबर के दौरान 7 महीनों में संगठित क्षेत्र के 40 लाख लोगों को अपनी नौकरी गंवानी पड़ी है। शुक्रवार को ईपीएफओ की ओर से रिलीज किए गए पेरोल डाटा के मुताबिक इन 7 महीनों में करीब 39 लाख कर्मचारियों ने उन कंपनियों को छोड़ा है, जो पीएफ में योगदान करती हैं। अब सरकार ने इन लोगों को नौकरियां देने के लिए कंपनियों को प्रोत्साहित करने के मकसद से आत्मनिर्भर भारत रोजगार योजना शुरू करने का फैसला लिया है। इस स्कीम के तहत सरकार अक्टूबर 2020 से लेकर जून 2021 तक इन कर्मचारियों को नियुक्ति देने वाली कंपनियों को सरकार ईपीएफ योगदान में पूरी तरह से सब्सिडी देगी।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 12 नवंबर को इस स्कीम का ऐलान किया था। स्कीम के तहत केंद्र सरकार की ओर से उन कंपनियों को पीएफ योगदान में सब्सिडी दी जाएगी, जो मार्च से सितंबर के दौरान नौकरी गंवाने वालों को रोजगार देंगी। वित्त मंत्री ने कहा था कि स्कीम के तहत सरकार कर्मचारी के हिस्से की 12 फीसदी और कंपनी के हिस्से की 12 फीसदी रकम जमा करेगी। सरकार ने इस स्कीम के तहत जून 2021 तक 50 से 60 लाख लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य तय किया है।
यही नहीं इस स्कीम के तहत 1 अक्टूबर, 2020 से लेकर 30 जून, 2021 तक इस स्कीम के साथ जुड़ने वाले लोगों को अगले दो साल तक लाभ मिलेगा। योजना के मुताबिक 50 कर्मचारियों से कम संख्या वाले संस्थानों को कम से कम दो नए कर्मचारियों को रखना होगा, तभी उन्हें इस योजना के तहत सब्सिडी मिलेगी। इसके अलावा 50 से ज्यादा संख्या वाले संस्थानों को कम से कम 5 नए कर्मचारियों को रोजगार का अवसर देना होगा।
सितंबर में EPFO से जुड़े 14.9 लाख लोग: हालांकि बेरोजगारी के संकट के बीच एक अच्छी खबर यह भी है कि सितंबर महीने में EPFO से रिकॉर्ड 14.9 लाख लोग जुड़े हैं। इससे पहले अगस्त महीने में यह आंकड़ा 8.8 लाख का ही था। इससे यह संकेत मिलता है कि जॉब मार्केट में पहले के मुकाबले स्थितियों में सुधार हो रहा है। मार्च में एंप्लॉयीज प्रोविडेंट फंड ऑर्गनाइजेशन से 5.72 लाख लोग ही जुड़े थे। इस तरह यदि हम मार्च से तुलना करें तो नई नौकरियों के आंकड़े में करीब तीन गुना तक का इजाफा हुआ है।
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