रांची (वीकैंड रिपोर्ट): चारा घोटाला के देवघर कोषागार मामले में सजा काट रहे बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद को हाइकोर्ट से बड़ी राहत मिली है. शुक्रवार को हाइकोर्ट ने उनकी ज़मानत याचिका पर सुनवाई करते हुए जमानत दे दी. जमानत याचिका पर शुक्रवार को हाइकोर्ट में जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की अदालत में सुनवाई हुई. हाइकोर्ट ने 50-50 हजार के मुचलके पर जमानत दी है. इसके साथ ही कोर्ट ने लालू प्रसाद को पासपोर्ट जमा कराने का भी आदेश दिया है. हालांकि उन्हें बाहर निकलने के लिए अभी और इंतजार करना होगा. लालू प्रसाद पर कुल छह मामले चल रहे हैं, जिनमें चार मामलों में इन्हें सजा मिल चुकी है. दो मामले अभी लंबित हैं. दो मामलों में सजा होने की वजह से लालू प्रसाद को अभी जेल में ही रहना होगा.
बता दें कि लालू प्रसाद ने 13 जून को झारखंड हाइकोर्ट में जमानत अर्जी दाखिल की थी. इससे पूर्व लोकसभा चुनाव के दौरान पहले झारखंड हाइकोर्ट, फिर सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था. आपको बता दें कि देवघर कोषागार से अवैध निकासी मामले में सीबीआइ के स्पेशल कोर्ट ने लालू प्रसाद को साढ़े तीन साल की सजा सुनायी थी. इस मामले में लालू प्रसाद सजा की करीब आधी अवधि जेल में बिता चुके हैं. सुप्रीम कोर्ट के आदेशानुसार सजा की आधी अवधि जेल में काटने पर सजायाफ्ता को जमानत की सुविधा प्रदान की जा सकती है. इसी को आधार बना कर लालू प्रसाद ने हाइकोर्ट में जमानत याचिका दाखिल की थी.
रांची रिम्स में भर्ती है लालू प्रसाद यादव
लालू प्रसाद को चारा घोटाले के दुमका, देवघर और चाईबासा मामले में सीबीआइ कोर्ट ने सजा सुनायी है. इन तीनों मामलों में 23 दिसंबर 2017 से वो जेल में हैं. बीमार होने की वजह से रिम्स के पेइंग वार्ड में भर्ती हैं. बता दें कि लालू प्रसाद डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, हार्ट की बीमारी, क्रॉनिक किडनी डिजीज, फैटी लीवर, पेरियेनल इंफेक्शन, हाइपर यूरिसिमिया, किडनी स्टोन, फैटी हेपेटाइटिस, प्रोस्टेट जैसी बीमारियों से जूझ रहे हैं. इस वजह से उन्हें बिरसा मुंडा केंद्रीय कारावास में न रख कर रिम्स के पेइंग वार्ड में भर्ती कराया गया है.