सिडनी : कई चोटिल खिलाड़ी, जज्बा, ऊंचा मनोबल और मैच बचाने की उम्मीद.. यह सब दिखा भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच टेस्ट सीरीज के तीसरे मुकाबले में। सिडनी में मैच के 5वें दिन किसी ने सोचा नहीं था कि 407 रन के टारगेट का पीछा करते हुए टीम इंडिया इस तरह का जज्बा दिखाएगी और जख्मी शेरों की तरह लड़ेगी। यह मैच तो ड्रॉ हो गया लेकिन सीरीज अब भी 1-1 से बराबरी पर है। सिडनी टेस्ट ड्रॉ होने के बाद अब सीरीज का फैसला ब्रिसबेन में होगा जहां दोनों टीमें चौथे और अंतिम टेस्ट में 15 जनवरी से आमने सामने होंगी।
ऑस्ट्रेलिया ने अपनी पहली पारी में 338 रन बनाए जिसके बाद उसने भारत को 244 रन पर रोक दिया। इसके बाद मेजबान टीम ने अपनी दूसरी पारी 6 विकेट पर 312 रन बनाकर घोषित की और भारत को जीत के लिए 407 रन का मुश्किल टारगेट मिला।
भारतीय खिलाड़ियों ने हालांकि हार नहीं मानी और मैच को बचा लिया। जब तक क्रीज पर ऋषभ पंत (Rishabh Pant) और चेतेश्वर पुजारा (Cheteshwar Pujara) मौजूद थे, तब तक तो भारतीय फैंस भी जीत की उम्मीद लगाए बैठे थे लेकिन दोनों के विकेट गिरने के बाद यह धूमिल होती नजर आई। फिर रविचंद्रन अश्विन (Ravichandran Ashwin) और हनुमा विहारी (Hanuma Vihari) ने चोट के बावजूद खेलते हुए मैच ड्रॉ करा दिया।
पहली पारी में 150 से ज्यादा गेंदें खेलकर 35 से भी कम रन बनाने वाले चेतेश्वर पुजारा फैंस के निशाने पर थे। ऑस्ट्रेलियाई कमेंटेटर्स ने तो ऑन-एयर पुजारा की ‘स्लो बैटिंग’ की आलोचना की थी। पुजारा की खासियत ये है कि वे हर जवाब अपने बल्ले से देते हैं। सिडनी टेस्ट के आखिरी दिन जब भारत को मैच बचाने के लिए पूरे दिन बैटिंग करनी थी तो वही फैंस जो कल तक पुजारा को खरी-खोटी सुना रहे थे, उम्मीद लगाए बैठे थे कि पुजारा अपने अंदाज में बल्लेबाजी करेंगे। पुजारा ने वही किया। 205 गेंदें खेलीं और 77 रन बनाए। सबसे अहम बात, ऋषभ पंत के साथ मिलकर उन्होंने वो साझेदारी की जिसने ऑस्ट्रेलिया के जीतने की संभावनाओं को और कम कर दिया। इस दौरान पुजारा ने टेस्ट करियर में 6,000 रन भी पूरे किए
ऋषभ पंत की हालत का अंदाजा इस बात से लगाइए कि जब ड्रिंक्स ब्रेक हुआ तो वह खुद पानी भी नहीं पी रहे थे। सब्स्टीट्यूट ने उनके मुंह में बोतल लगाई ताकि उन्हें अपनी बांह पर जोर न देना पड़े। जब लंच हुआ तो पंत अपना हेलमेट और ग्लव्स पिच पर ही छोड़ गए थे। पंत के जज्बे को भारतीय ड्रेसिंग रूम से भी शाबासी मिली। पंत ने तेज रफ्तार में बैटिंग की और 97 रन बनाकर नाथन लायन का शिकार हुए।भारतीय टीम का वो खिलाड़ी जिसका काम विकेट लेना है, बैटिंग करना नहीं।
अश्विन की पसलियों में चोट है। उनके कंधे में भी दर्द था। ड्रेसिंग रूम में बैठा तक नहीं जा रहा था मगर जब पंत आउट हुए तो बैट उठाकर चल पड़े। बीच-बीच में फिजियो बुलाकर वह दर्द में थोड़ा आराम पाते रहे मगर क्रीज नहीं छोड़ी। पैट कमिंस, जॉश हेजलवुड और मिशेल स्टार्क की गेंदों को शरीर पर झेलते रहे मगर उफ नहीं की। हालात ऐसे भी आए जब वो और हनुमा विहारी आपस में थाई पैड्स एक्सचेंज कर रहे थे।
हनुमा विहारी की हैमस्ट्रिंग में खिंचाव है। वह दौड़ नहीं पा रहे मगर उन्हें रनर नहीं मिल सकता। अश्विन के साथ क्रीज पर डटे विहारी से जब फिजियो नितिन पटेल ने पूछा कि क्या वह इस हालत में खेल सकते हैं तो उन्होंने दर्द सहने का फैसला किया। विहारी की चोट ऐसी है कि वह अगले टेस्ट में नहीं खेल पाएंगे मगर उन्होंने मैच बचाने के लिए शायद अपना करियर तक दांव पर लगा दिया है।
हनुमा विहारी ने जैसी जीवटता सिडनी के मैदान पर दिखाई, वैसी विरले ही दिखा पाते हैं। खबर लिखे जाने तक उन्होंने 100 से ज्यादा गेंदें खेल ली थीं और सिर्फ 7 रन बनाए थे। कारण, दर्द की वजह से दौड़ नहीं सकते और शॉट खेलकर विकेट नहीं गंवाना चाहते हैं। विहारी ने इस पारी में टेस्ट क्रिकेट के भीतर 100 से ज्यादा गेंदें खेलकर दूसरा सबसे धीमा स्ट्राइक रेट का रिकॉर्ड भी अपने नाम कर लिया है।
रविचंद्रन अश्विन और हनुमा विहारी ने करीब तीन घंटे क्रीज पर बिताए। एक-एक कर ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज आते गए और पस्त होकर जाते रहे। बीच-बीच में दोनों फिजियो को बुलाते रहे, पैड्स बदलते रहे, दवाएं लेते रहे मगर मैदान नहीं छोड़ा।
रवींद्र जडेजा का बायां अंगूठा अपनी जगह पर नहीं है। वह इंग्लैंड के खिलाफ होने वाली सीरीज में पहले दो टेस्ट से बाहर हो चुके हैं। मगर जज्बा देखिए, अगर आज जरूरत पड़ी तो इंजेक्शन लेकर बैटिंग करने सिडनी के मैदान पर उतरेंगे। फैंस तो यही दुआ कर रहे हैं कि इसकी जरूरत न पड़े।
मिशेल स्टार्क की गेंद पर टिम पेन ने हनुमा विहारी का कैच छोड़ दिया। पेन ने इस पारी में तीन कैच छोड़े जिसका खामियाजा ऑस्ट्रेलिया को भुगतना पड़ा।
अश्विन ने 128 गेंदों पर 39 और विहारी ने 161 गेंदों का सामना करते हुए 23 रन बनाए और दोनों नाबाद लौटे। अश्विन और विहारी ने छठे विकेट के लिए नाबाद 62 रन जोड़े।
दूसरी पारी में भारत के लिए पंत ने 118 गेंदों पर 12 चौकों और 3 छक्कों की मदद से सर्वाधिक 97 रन बनाए। उनके अलावा पुजारा ने 205 गेंदों पर 12 चौकों की मदद से 77 रन बनाए। पंत और पुजारा (Cheteshwar Pujara) ने इस पारी में चौथे विकेट के लिए 148 रन जोड़े। यह भारत के लिए चौथे विकेट के लिए चौथी पारी में सबसे बड़ी साझेदारी है।
इससे पहले रुसी मोदी और विजय हजारे ने 1948-49 में वेस्टइंडीज के खिलाफ चौथी पारी में चौथे विकेट के लिए 139 रन जोड़े थे। वहीं, दिलीप वेंगसरकर और यशपाल शर्मा ने पाकिस्तान के खिलाफ 1979 में 122 रन की पार्टनरशिप की थी।
ऑस्ट्रेलिया के लिए जोश हेजलवुड और नाथन लियोन ने 2-2 विकेट लिए जबकि पैट कमिंस को एक विकेट मिला।
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