धर्म (वीकैंड रिपोर्ट) : Vijaya Ekadashi 2024 : फाल्गुन माह की कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को विजया एकादशी का व्रत किया जाता है। सृष्टि के पालनहार भगवान विष्णु से जुड़े सभी व्रतों में एकादशी व्रत को सर्वश्रेष्ठ माना गया है। विजया एकादशी तिथि का आरंभ 6 मार्च को सुबह 6 बजकर 31 मिनट पर होगा और अगले दिन 7 मार्च को 4 बजकर 14 मिनट पर एकादशी तिथि समाप्त होगी। मान्यता है कि इस एकादशी का व्रत करने से भगवान विष्णु का आशीर्वाद मिलता है और मोक्ष की प्राप्ति होती है। मान्यता है कि इस एकादशी के प्रभाव से शत्रुओं पर विजय प्राप्ति होती है, सभी कार्य अपने ही अनुकूल होने लगते हैं। यह व्रत करने से स्वर्णणदान, भूमि दान, अन्न दान और गौ दान से अधिक पुण्य फलों की प्राप्ति होती है और अंततः प्राणी को मोक्ष की प्राप्ति होती है। यह भी मान्यता है कि इस महानपुण्यदायक व्रत को करने से व्रती को वाजपेय यज्ञ का फल मिलता है।
Vijaya Ekadashi 2024 : विजया एकादशी पूजाविधि
इस दिन प्रात:काल तन और मन से शुद्ध होकर व्रत का संकल्प कर सर्वप्रथम सूर्य नारायण को जल अर्घ्य देना चाहिए। इसके बाद भगवान विष्णु की फोटो जिसमें शेषनाग की शैया पर विराजमान विष्णुजी व लक्ष्मीजी जिनके चरण दबा रही हों, को किसी चौकी पर पीले कपड़ा बिछाकर ईशान कोण में रखकर पूजा करनी चाहिए। भगवान विष्णु की पूजा में सबसे पहले उन्हें गंगाजल से स्नान कराना चाहिए। इसके बाद फल, फूूल, चंदन, धूप, दीप, मिष्ठान आदि को अर्पित करना चाहिए। भगवान विष्णु को एकादशी की पूजा में उनकी प्रिय तुलसी दल अवश्य चढ़ाना चाहिए। तुलसी एक दिन पूर्व ही तोड़ कर रख लें। इसके बाद पूरे श्रद्धा भाव से एकादशी व्रत की कथा और विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करना चाहिए। एकादशी की पूजा करते समय मां लक्ष्मी की पूजा भी विधि-विधान से करना चाहिए। पूजा के अंत में भगवान विष्णु की आरती करें और अपनी कामना प्रभु से कहकर उनका आशीर्वाद मांगें। इस दिन तामसिक भोजन व दूसरों की निंदा नहीं करें।
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