जालंधर (वीकैंड रिपोर्ट) : Maa Chandraghanta : नवरात्रि का तीसरा दिन मां दुर्गा की तीसरी शक्ति देवी चंद्रघंटा को समर्पित है। इनके मस्तक पर घंटे के आकार का अर्धचंद्र है, इसी कारण इन्हें चंद्रघंटा देवी कहा जाता है। पूरे विधि-विधान से माता चंद्रघंटा की उपासना करने से जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है। देवी चंद्रघण्टा की पूजा करने से आपके तेज और प्रताप में वृद्धि होती है और समाज में आपका प्रभाव बढ़ता है। चंद्रघंटा की कृपा से साधक के समस्त पाप और बाधाएं नष्ट हो जाती हैं। जानिए मां चंद्रघंटा की पूजा विधि और मंत्र-
पूजाविधि
मां को शुद्ध जल और पंचामृत से स्नान करायें। अलग-अलग तरह के फूल, अक्षत, कुमकुम, सिन्दूर, अर्पित करें। केसर-दूध से बनी मिठाइयों या खीर का भोग लगाएं। मां को सफेद कमल, लाल गुडहल और गुलाब की माला अर्पण करें और प्रार्थना करते हुए मंत्र जप करें। इस तरह मां चंद्रघंटा की पूजा करने से साहस के साथ सौम्यता और विनम्रता में वृद्धि होती है।
Maa Chandraghanta : मंत्र
“या देवी सर्वभूतेषु मां चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमस्तस्यै, नमो नमः।”
पिंडजप्रवरारूढा, चंडकोपास्त्रकैर्युता।
प्रसादं तनुते मह्यं, चंद्रघंटेति विश्रुता।।