धर्म डेस्क (वीकैंड रिपोर्ट) : Navratri : इस साल चैत्र नवरात्रि की शुरुआत 22 मार्च 2023 से हो रही है। नवरात्रि के नौ दिनों में माता रानी की पूजा अर्चना की जाती है। नवरात्रि में लोग उपवास रखकर मां जगदंबे की विधि-विधान से पूजा करते हैं। अपनी श्रद्धा अनुसार कुछ लोग पूरे नौ दिन, तो कुछ लोग पहले और आखिरी दिन व्रत रखते हैं। जो लोग नवरात्रि के दिनों में व्रत नहीं रखते हैं, उन्हें इस दौरान सात्विक भोजन ही ग्रहण करना चाहिए। नवरात्रि के पावन दिनों में लहसुन-प्याज का सेवन नहीं करना चाहिए। शास्त्रों के अनुसार, नवरात्रि में लहसुन-प्याज का सेवन करना वर्जित माना गया है। तो चलिए जानते हैं कि नवरात्रि में आखिर क्यों वर्जित है प्याज-लहसुन खाना?
Navratri : लहसुन और प्याज को न खाने को लेकर एक पौराणिक कथा भी प्रचलित है। कथा के अनुसार, स्वरभानु नाम का दैत्य था, जिसने समुद्र मंथन के बाद देवताओं के बीच बैठकर छल से अमृत पी लिया था। ये बात जब मोहिनी रूप धारण किए भगवान विष्णु को पता चली, तो उन्होंने अपने चक्र से स्वरभानु का सिर धड़ से अलग कर दिया। स्वरभानु के सिर और धड़ को ही राहु और केतु कहा जाता है।
कहा जाता है कि सिर कटने के बाद स्वरभानु के सिर और धड़ से अमृत की कुछ बूंदें धरती पर गिरीं, जिनसे लहसुन और प्याज की उत्पत्ति हुई। चूंकि, लहसुन और प्याज की उत्पत्ति अमृत की बूंदों से हुई है, इसलिए रोगों को दूर करने में ये दोनों ही कारगर साबित होते हैं। लेकिन इनकी उत्पत्ति राक्षस के मुंह से हुई, इसलिए इसे अपवित्र माना गया है। यही वजह है कि पूजा में भी कभी भगवान को लहसुन और प्याज का भोग नहीं लगाया जाता है।
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