जालंधर (वीकैंड रिपोर्ट) : Maa katyayani : नवरात्रि का छठा दिन मां कात्यायनी को समर्पित है। मां कात्यायनी की 4 भुजाएं हैं जिनमें अस्त्र, शस्त्र और कमल है। ये सिंह की सवारी करती हैं और ब्रजमंडल की अधिष्ठात्री देवी भी हैं। इनकी उपासना और आराधना से भक्तों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। मां को अक्षत, रोली, कुमकुम, पीले पुष्प औभोग चढ़ाएं। धार्मिक मान्यता है कि इनकी कृपा से योग्य वर और विवाह की सभी अड़चनें दूर हो जाती है। भगवान कृष्ण को पाने के लिए ब्रज की गोपियों ने इन्ही की पूजा कालिंदी नदी के तट पर की थी। इनका स्वरूप अत्यंत ही भव्य और दिव्य है। इनका वर्ण स्वर्ण के समान चमकीला और भास्वर है। शेर पर सवार मां की चार भुजाएं हैं, इनके बायें हाथ में कमल, तलवार व दाहिनें हाथों में स्वास्तिक और आशीर्वाद की मुद्रा अंकित है। आइए जानते हैं मां कात्यानी की पूजा विधि और मंत्र के बारे में-
मां कात्यानी की पूजा विधि
- नवरात्रि के छठे दिन सुबह जल्दी उठकर साफ वस्त्र धारण करें। हो सकें तो लाल या पीले रंग के वस्त्र पहने।
- इसके बाद मां कात्यानी की पूजा करने के लिए आप लाल या पीले रंग के वस्त्र धारण कर सकते हैं।
- सबसे पहले पूजा स्थल पर सबसे पहले गंगाजल का छिड़काव करें। इसके बाद ‘कंचनाभा वराभयं पद्मधरां मुकटोज्जवलां। स्मेरमुखीं शिवपत्नी कात्यायनी नमोस्तुते।’इस मंत्र का जप करें।
- इसके बाद घी का दीपक जलाकर पूजा शुरप करें। साथ ही साथ ही रोली, अक्षत, लाल चुनरी, धूप, दीप आदि चीजों को अर्पित करें। साथ ही माता को लौंग बताशें और पान का पत्ता शहद लगाकर जरुर अर्पित करें। अंत में कपूर जलाकर मां कात्यानी की आरती उतारें।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नम:।।2.चंद्र हासोज्जवलकरा शार्दूलवर वाहना|
कात्यायनी शुभंदद्या देवी दानवघातिनि||