नई दिल्ली (वीकैंड रिपोर्ट): दशहरा या विजयदशमी हिन्दुओं का प्रमुख त्योहार है. यह असत्य पर सत्य और बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक है. मान्यता है कि भगवान श्री राम ने दशमी के दिन 10 सिर वाले अधर्मी रावण को मार गिराया था. यही नहीं इसी दिन मां दुर्गा ने महिषासुर नाम के दानव का वध कर उसके आतंक से देवताओं को मुक्त किया था. नवरात्रि के नौ दिनों के बाद 10वें दिन नौ शक्तियों के विजय के उत्सव के रूप में विजयदशमी या दशहरा मनया जाती है.
कब है दशहरा ?
शारदीय नवरात्रि के 10वें दिन और दीपावली से ठीक 20 दिन पहले दशहरा आता है. हिन्दू कैलेंडर के अनुसार आश्विन मास की शुक्ल पक्ष की दशमी को विजयदशमी या दशहरे का त्योहार मनाया जाता है. इस बार दशहरा 25 अक्टूबर 2020 को है.
दशहरा की तिथि और शुभ मुहूर्त
दशमी तिथि प्रारंभ: 25 अक्टूबर 2020 को सुबह 07 बजकर 41 मिनट से
दशमी तिथि समाप्त: 26 अक्टूबर 2020 को सुबह 09 बजे तक
विजय मुहूर्त: 25 अक्टूबर 2020 को दोपहर 01 बजकर 57 मिनट से दोपहर 02 बजकर 42 मिनट तक.
कुल अवधि: 45 मिनट
अपराह्न पूजा का समय: 08 अक्टूबर 2020 को दोपहर 01 बजकर 12 मिनट से दोपहर 03 बजकर 27 मिनट तक.
कुल अवधि: 02 घंटे 15 मिनट
दशहरा के दिन पूजा की परंपरा
दशहरा का विजय मुहूर्त सर्वकार्य सिद्धिदायक होता है. मान्यता है कि शत्रु पर विजय प्राप्त करने के लिए इसी समय निकलना चाहिए. विजय मुहूर्त में गाड़ी, इलेक्ट्रॉनिक सामान, आभूषण और वस्त्र खरीदना शुभ माना जाता है. ऐसा माना जाता है कि इस मुहूर्त में कोई भी नया काम किया जाए तो सफलता अवश्य मिलती है. इस दिन शस्त्र पूजा के साथ ही शमी के पेड़ की पूजा की जाती है. साथ ही रावण दहन के बाद थोड़ी सी राख को घर में रखना शुभ माना जाता है.
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