उत्तराखंड (वीकैंड रिपोर्ट) : Char Dham Yatra : वार्षिक चार धाम यात्रा आधिकारिक तौर पर अक्षय तृतीया (22 अप्रैल) से शुरू होगी। इस दिन गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलेंगे। यमुनोत्र, 22 अप्रैल, गंगोत्री 22 अप्रैल, केदारनाथ 25 अप्रैल और बदरीनाथ 27 अप्रैल खुलेंगे।
चार धाम किसने बनाया?
एक आदर्श अखिल भारतीय तीर्थयात्रा सर्किट, मूल चार धाम के निर्माण का श्रेय 8वीं शताब्दी के महान सुधारक और दार्शनिक शंकराचार्य (आदि शंकर) को दिया जाता है।
चार धाम को क्यों बनाया गया था?
चार धाम (अर्थ: चार निवास) भारत में चार तीर्थ स्थलों का एक समूह है। ऐसा माना जाता है कि इन स्थलों पर जाने से मोक्ष प्राप्त करने में मदद मिलती है । चार धाम हैं, यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बदरीनाथ। ऐसा माना जाता है कि प्रत्येक हिंदू को अपने जीवनकाल में चार धामों की यात्रा करनी चाहिए।
यह भी पढ़ें : Chardham Yatra : इस दिन से शुरू हो रही है चारधाम की यात्रा
Char Dham Yatra : चार धाम की स्थापना कब और किसने की?
आपको बता दें, प्रसिद्ध श्री आदि शंकराचार्य द्वारा स्थापित, चार धाम की स्थापना लगभग 1200 साल पहले हुई थी। गौरवशाली चार धाम यात्रा विभिन्न देवी-देवताओं की पूजा करने के लिए की जाने वाली तीर्थयात्रा है। यात्रा में यमुनोत्री, गंगोत्री, बद्रीनाथ और केदारनाथ जैसे खूबसूरत डेस्टिनेशन शामिल हैं।
चार धाम की यात्रा कितने दिन में पूरी होती है?
IRCTC से मिली जानकारी के अनुसार यह टूर पैकेज 12 दिन और 11 रात का होगा। इन 11 रात और 12 दिन में बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के अलावा गुप्तकाशी, हरिद्वार, सोनप्रयाग और बाड़कोट में ठहरने की सुविधा भी मिलेगी।
-----------------------------------------------------------------
देश-दुनिया की ताजा खबरों के लिए >>>Join WhatsApp Group Join<<< करें। आप हमें >>>Facebook<<< फॉलो कर सकते हैं। लेटेस्ट खबरें देखने के लिए हमारे यूट्यूब चैनल को भी सबस्क्राइब करें।
-----------------------------------------------------------------