चंडीगढ़ (वीकैंड रिपोर्ट): पंजाब में कोरोना के कारण रविवार को कर्फ्यू लागू रहता है, लेकिन इस रविवार को यह लागू नहीं होगा। ऐसा नीट परीक्षा (NEET Exam) के कारण किया गया है। दूसरी ओर राज्य में कोरोना का कहर जारी है। पिछले 24 घंटे के दौरान राज्य में कोरोना से 65 लोगों की मौत हो गई।
मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने शुक्रवार को ऐलान किया कि नीट की परीक्षा के मद्देनजर विद्यार्थियों की सुविधा के लिए इस बार 13 सितंबर को राज्य में कोई कर्फ्यू नहीं लगेगा। उन्हाेंने कहा कि इसके बावजूद गैर आवश्यक वस्तुओं की दुकानें बंद रहेंगी। उन्होंने कहा कि रविवार को परीक्षा के दौरान रुकावट रहित आवाजाही को यकीनी बनाने के लिए छूट दी जाएगी।
दूसरी ओर, कोरोना का संक्रमण राज्य में तेजी से फैलने लगा। पिछले 24 घंटे के दौरान 2451 लोग काेरोना संक्रमित पाए गए। इनमें अमृतसर के सिविल सर्जन डॉ. नवदीप सिंह और गुरदासपुर के तीन निजी अस्पतालों के 24 स्टाफ सदस्य भी शामिल हैं। इस दौरान राज्य में 65 लोगों की कोरोना से मौत हो गई।
सबसे ज्यादा 347 संक्रमित मरीज जालंधर में पाए गए हैं। यह अब तक का जिले में सबसे बड़ा आंकड़ा है। गुरदासपुर में भी 226 लोग पॉजिटिव पाए गए हैं। गुरदासपुर में मरीजों की संख्या में लगातार हो रही बढ़ोतरी ने सेहत विभाग को चिंता में डाल दिया है। इसी तरह पटियाला में 259, लुधियाना में 256, मोहाली में 204, अमृतसर में 179, बठिंडा में 100, फिरोजपुर में 120 और होशियारपुर में 145 लोग संक्रमित पाए गए हैं। शुक्रवार को राज्य में सबसे ज्यादा 12 मौतें लुधियाना में दर्ज की गई हैं। इसी तरह पटियाला और जालंधर में सात-सात लोगों की मौत हुई है।
शंभू बॉर्डर पर तैनात शिक्षक कोरोना पॉजिटिव, अस्पताल में मौत
पटियाला। पंजाब-हरियाणा के बीच शंभू बॉर्डर पर दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों का रिकॉर्ड रखने के लिए तैनात किए गए 45 वर्षीय शिक्षक की शुक्रवार को कोरोना से मौत हो गई। शिक्षक ने अंतिम बार 2 सितंबर को शंभू बॉर्डर पर ड्यूटी निभाई थी। बुखार के कारण उनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ गई तो एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती करवाया गया। अस्पताल में उनकी कोविड-19 रिपोर्ट पॉजिटिव आई। देर रात उन्होंने दम तोड़ दिया।
शिक्षक हरमिंदर सिंह सरकारी सीनियर सेकेंडरी स्कूल हरपालपुर (घनौर) में तैनात थे। गौरतलब है कि शंभू बॉर्डर पर ड्यूटी निभाने वाले पांच अन्य शिक्षक भी कोरोना पॉजिटिव आ चुके हैं। इन शिक्षकों के परिवार में भी दस से ज्यादा लोग पॉजिटिव पाए गए हैं। हालांकि, सेहत विभाग यह साफ नहीं कर पाया है कि कि शिक्षक कहां और किसके संपर्क में आने से कोरोना संक्रमण का शिकार हुए थे। डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट ने आरोप लगाया कि जिला प्रशासन ने शिक्षकों की ड्यूटी तो लगा दी है, लेकिन कोरोना से बचाव के लिए मास्क, फेस शील्ड और ग्लव्स मुहैया नहीं करवाए हैं। शिक्षक पहले भी इसके खिलाफ प्रदर्शन कर चुके हैं।