तरनतारन (वीकैंड रिपोर्ट) : जिलें के सीमापव्रती गांव सिंघपुरा में पुलिस एनकांऊटर में मारे गए दो निहंग सिखों की असलीयत अब सामने आ गई है। दोनो निहंग नादेड़ से एक डेरामुखी संतोख सिंह का कत्ल कर के फरार हुए थे और तरनतारन के गांव सुर सिंह में आ कर छुप गए थे।
.पुलिस को जब नादेड़ पुलिस ने इस बारे में जानकारी दी गई तो थाना खेमकरण के सब ईंस्पैक्टर नरिंदर सिंह व थाना वल्टोहा के प्रभारी इंस्पैक्टर बलविंदर सिंह जो एक हेड कांस्टेबल के भोग से वापिस लोट रहे थे ने एक साथ उक्त निहंगों की तलाश में गांव सिंघपुरा मे छापेमारी की। जिसके बाद उक्त निहंगों के पहचाने जाने पर पुलिस के साथ बहस के बाद पुलिस पर हमला कर उक्त दोनो पुलिस अधिकारीयों को घायल कर दिया गया।
जिसके बाद पुलिस के आला अधिकारी डी.आई.जी. हरदयाल सिंह मान, एस.एस.पी ध्रुमन एच. निंबाले, एस.पी मेहताब सिंह, सब डविजन तरनतारन के एस.पी. जगजीत सिंह वालीया व डीएसपी राजबीर सिंह पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे पर निंहगों ने उग्रता दिखाते हुए पुलिस पर हमला कर दिया। जिसके बाद जबावी कार्यवाही में एक निहंग के चेहरे पर व दूसरे की छाती में गोली लगने से मौत हो गई।
इस बारे में प्रैस को जानकारी देते हुए एस.एस.पी ध्रुमन एच. निंबाले ने बताया कि मारे गए हमलावरों की पहचान गुरदेव सिंह निवासी अमृतसर व मेहताब सिंह के तौर पर हुई है। मेहताब सिंह के खिलाफ नांदेड़ के वजीराबाद में एक डेरामुखी संतोख सिंह की हत्या का मामला दर्ज किया गया था। जिसमे हत्या की वजह डेरे पर कब्जा करना था।
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