जालंधर (वीकैंड रिपोर्ट)- Religious News : चैत्र नवरात्रि कल से शुरू हो रहे हैं। इसी दिन से हिंदू नववर्ष का आरंभ भी है। नवरात्रि का पहला दिन बहुत खास होता है। यह देवी शैलपुत्री की पूजा का दिन है। इसका मतलब है कि यह दिन देवी शैलपुत्री के लिए है और इस दिन नारंगी रंग पहनना शुभ माना जाता है। यह रंग मंगल का प्रतीक है और नारंगी रंग नई उम्मीदों और अच्छी ऊर्जा का रंग है।
चैत्र नवरात्रि कलश स्थापना के लिए सामान
थोड़ी शुद्ध मिट्टी
बौने के लिए बिना धोएं हुए जौ
मिट्टी, पीतल या फिर तांबे का कलश
आम या अशोक के पांच पत्ते एक-दूसरे से जुड़े हुए
कलश के ऊपर रखने के लिए कटोरी
कटोरी को भरने के लिए अनाज
एक नारियल
एक लाल कपड़ा य़ा चुनरी
कलावा
सिंदूर
चूना-हल्दी से बना हुआ तिलक
अक्षत
जल
गंगाजल
1 सिक्का
1 सुपारी
नव संवत्सर ज्ञानियों व वैरागियों के उत्तम होगा। लोगों का धर्म-आध्यात्म में रूचि बढ़ेगी. बुध के प्रभाव से वर्षा की स्थिति संतोष जनक रहेगी। चौमासी फसलों का स्वामी बुध के होने से गेंहू, धान, गन्ना आदि की उपज में बढ़ोतरी होगी। शीतकालीन फसलों का स्वामी चंद्रमा होने से मूंग, बाजरा, सरसों की उपज अच्छी होगी। नए संवत्सर का निवास वैश्य के घर होने से व्यापार में प्रगति होगी. अन्न, भूमि, भवन, शिक्षा, सोना, वाहन, तकीनक के क्षेत्रों में तेजी रहेगी। सूर्य के राजा व मंत्री होने इस वर्ष तापमान सामान्य से ऊपर होने के कारण अत्यधिक गर्मी लोगों को झेलनी पड़ सकती है। अग्निकांड से धन जन की हानि के आसार हैं।
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