जालंधर (वीकैंड रिपोर्ट): Dasuya illegal colony case मुख्यमंत्री के आदेशों की परवाह किए बिना अधिकारीयों ने बिना कोई कार्यवाही किए अगर कोलोनाईज़र के कहने भर से उसे यूं ही छोड़ दिया हो तो फिर तो यही समझा जा सकता है कि दाल में कुछ काला है। जी हां दसूहा में 7-8 एकड़ में काटी गई अवैध कोलोनी को अगर पूडा अधिकारीयों ने बिना कोई कार्यवाही के छोड़ दिया तो इस से यही सबित होता है कि अधिकारीयों की सांठ-गांठ के चलते ही कोलोनाईज़र पर कोई कार्यवाही नहीं हुई।
मामला होशियारपुर जिले के दसूहा ईलाके का है यहां एक कोलोनाईजर ने सरकार को कोरोड़ों का चुना लगाते हूए लगभग 7-8 एकड़ में कोलोनी काटी है और लोगों को बेवाकूफ बना कर प्लाट बेचे जा रहे हैं। हालांकि पूडा अधिकारीयों की मानें तो कैंब्रीज स्कूल के करीब काटी गई इस कोलोनी में की गई प्लाटिंग को पूडा द्वारा रुकवा दिया गया है और कोलोनाईजर को यहां पर प्लाट बेचने व सड़के बनाने से रोक दिया गया है और डीसी द्वारा उक्त कोलोनी की रजिस्टरी पर रोक लगाई गई है। पर सूत्रों की माने तों यहां पर अभी भी लोगों को मूर्ख बना कर प्लाटों की सौदेबाजी की जा रही है।
कोलोनाईज़र पर इतनी रहमदिली क्यों ?
Dasuya illegal colony case इस बारे में जब पूडा के अधिकारी अशोक बद्धन से बात की गई तो उन्होने बताया कि सारा काम रुकवा दिया गया है और अगर फिर भी प्लाट बेचे जाएंगें तो कोलोनाईजर पर FIR दर्ज करवाई जाएगी। पर सवाल ये है कि अवैध कोलोनीयों पर डिच्च चला कर कार्यवाही करने वाली पूडा टीम ने इस कोलोनी पर इतनी रहम दिली क्यों दिखाई। आखिर यहां पर डिच्च क्यों नहीं चलाई गई।
मोटी सैंटिग का मामला है, स्टेट विजिलैंस करे जांच
सूत्र बताते हैं कि पूडा अधिकारी की उक्त कोलोनाईजर के साथ मोटी सैटिंग हुई है जिसके चलते यहां पर सिर्फ दिखावे की कार्यवाही ही की गई। बहरहाल कार्यवाई के बाद भी यहां पर पड़ी ईंटे व बिल्डिंग मैटीरियल का सामान ये सबित करने के लिए काफी है कि हमाम में सब नंगें हैं। अगर इस पूरे मामले की जांच स्टेट विजिलैंस से करवाई जाए तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामनें आ सकते हैं।