अमृतसर (वीकैंड रिपोर्ट): ई.सी.एच.एस. कार्डों का दुरुपयोग करने का मामला बेपर्दा हुआ है। पुलिस द्वारा पूर्व सैनिकों के मैडीकल कार्डों का दुरुपयोग करते फर्जी दस्तावेजों द्वारा घोटाला करने के आरोप में अमृतसर शहर के 16 डाक्टरों सहित 27 व्यक्तियों के विरुद्ध कार्रवाई करते कमिश्नरेट धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया।
सेना के ब्रिगेडियर की शिकायत पर थाना कैंटोनमैंट में दर्ज मामला नंबर-184 तिथि 2/2/20 जुर्म 420-465-467-468-471-120 बी, जिसमें वर्मा अस्पताल मीरांकोट चौक के मालिक डा. गौतम वर्मा, नीलकंठ अस्पताल फतेहगढ़ चूडिय़ां बाईपास के सी.एम.डी. सुनील दत्त, लाइफ केयर अस्पताल निरंकारी कालोनी के डायरैक्टर प्रवीन कुमार, गुप्ता मल्टीस्पैशलिटी अस्पताल रेस कोर्स अमृतसर के मालिक डा. सुरिन्दर गुप्ता, आकाशदीप न्यूरो ट्रोमा एंड मल्टी स्पैशलटी अस्पताल मजीठा रोड बाइपास के मालिक डा. अशीष कुमार, मदान अस्पताल मजीठा रोड के मालिक डा. राकेश मदान, निज्जर स्कैन एंड डायगनोस्टिक सैंटर कोर्ट रोड के मालिक डा. इन्द्रबीर सिंह, डा. सचिन गुप्ता, मार्फत गुप्ता मल्टीस्पैशलिटी अस्पताल, डा. मनीष मार्फत गुप्ता मल्टी स्पैशलिटी अस्पताल रेस कोर्ट, डा. लखबीर सिंह रंधावा, डा. अर्शदीप कौर दोनों नीलकंठ अस्पताल, डा. सुशील महेन्द्रू, डा. राकेश मदान दोनों मदान अस्पताल मजीठा रोड, डा. अशीष कुमार मालिक अकाशदीप न्यूरोट्रोमा मल्टीस्पैशलिटी, डा. परमिन्दर सिंह मार्फत लाइफ केयर अस्पताल, डा. गौतम वर्मा, डा. हरमीत, डा. गुरमीत मार्फत वर्मा अस्पताल, रिटायर्ड सूबेदार कश्मीर सिंह निवासी कालेके राजासांसी रोड, सलविन्दर सिंह संधू सरपंच सरली छोटा तरन तारन, रिटायर सूबेदार सतविन्दर सिंह निवासी सरली छोटा, प्रकाश कौर पत्नी नायक छिन्दा निवासी बुताला, नायक छिन्दा सिंह निवासी बुताला, अमरजीत सिंह निवासी गग्गड़भाना, रिटायर जगरूप सिंह निवासी लालपुरा तरनतारन, जतिन्दर सिंह आरोपी नीलकंठ अस्पताल, बलजिन्दर सिंह फोटो कापी दुकान मालिक जिला सैनिक बोर्ड माल मंडी, अमृतसर रोड तरनतारन ई.सी.एच.एस. कार्डों का दुरुपयोग करते मोटी रकम का फर्जीवाड़ा करने संबंधी सेना के उच्चाधिकारियों को शिकायत मिली थी, जिसकी सेना के अफसरों की तरफ से अपने स्तर पर जांच करवाई गई और पुलिस कमिशनर अमृतसर को बनती कानूनी कार्रवाई अमल में लाने के लिए लिखित शिकायत भेजी गई।
पुलिस द्वारा इस साजिश के दर्ज मामले की गंभीरता के साथ जांच की जा रही है। इस संबंधी बार-बार संपर्क करने पर पुलिस के किसी भी अधिकारी द्वारा फोन रिसीव नहीं किया गया।