कोलकाता (वीकेंड रिपोर्ट) : पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद राजनीतिक हिंसाओं का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। चुनाव के नतीजे आने के दौरान ही आरामबाग में बीजेपी कार्यालय को अज्ञात बदमाशों ने आग के हवाले कर दिया। इस बीच प्रदेश में ऐसी हिंसाओं को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने हस्तक्षेप लिया है। मंत्रालय ने प्रदेश में चुनाव के बाद विपक्षी दल के नेताओं को टारगेट कर की गई हिंसाओं की रिपोर्ट राज्य सरकार से मांगी है।
गृह मंत्रालय ने कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार विपक्षी दलों के कार्यकर्ताओं पर हुए हमले की पूरी जानकारी दे। इससे पहले पश्चिम बंगाल में बीजेपी के नेता दिलीप घोष ने दावा किया कि इलेक्शन के बाद 24 घंटे में बंगाल में 9 बीजेपी कार्यकर्ताओं की जान गई है। वहीं, एक अन्य दावे में 6 बीजेपी कार्यकर्ताओं की हत्या की गई है। इन बीजेपी कार्यकर्ताओं के नाम भी सार्वजनिक किए गए हैं। इनमें जगद्दल से शोवा रानी मंडल, राणाघाट से उत्तम घोष, बेलाघाट से अभिजीत सरकार, सोनारपुर दक्षिण से होरोम अधिकारी, सीतलकुची से मोमिक मोइत्रा और बोलपुर से गौरब सरकार शामिल हैं।
टीएमसी और पुलिस प्रशासन पर आरोप
बीजेपी नेताओं के खिलाफ हिंसा से चिंतित दिलीप घोष ने टीएमसी पर आरोप लगाया कि ममता सरकार हाथ बांधकर बैठी है। पुलिस निष्क्रिय है। उन्होंने कहा कि हम राज्यपाल के पास निवेदन लेकर आए थे। उन्होंने आश्वासन दिया है। वहीं प्रचंड जीत से बंगाल की सत्ता में दोबारा वापसी करने वाली ममता बनर्जी ने भी आरोप लगाया है कि परिणाम घोषित होने के बाद बीजेपी कार्यकर्ताओं ने कुछ इलाकों में हमारे समर्थकों पर हमला किया।
ममता ने कहा कि हमने अपने लोगों से किसी के उकसावे में नहीं आने की अपील की और इसके बजाय पुलिस को सूचना देने के लिए कहा। बनर्जी ने यह भी आरोप लगाया कि चुनावों के दौरान कुछ पुलिस अधिकारियों ने भेदभाव करते हुए टीएमसी के खिलाफ काम किया।