नई दिल्ली (वीकैंड रिपोर्ट) : SC Decision on Divorce : सुप्रीम कोर्ट की संवैधानिक बेंच ने सोमवार को तलाक को लेकर अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा है कि अगर पति-पत्नी का रिश्ता इतना खराब हो चुका है कि अब सुलह की गुंजाइश ही न बची हो, तो कोर्ट भारत के संविधान के आर्टिकल 142 के तहत तलाक को मंजूरी दे सकता है। इसके लिए उन्हें फैमिली कोर्ट नहीं जाना होगा और न ही 6 महीने का इंतजार अनिवार्य नहीं होगा। कोर्ट ने कहा कि उसने वे फैक्टर्स तय किए हैं, जिनके आधार पर शादी को सुलह की संभावना से परे माना जा सकेगा।
यह भी पढ़ें : BJP Resolution Letter : कर्नाटक चुनावः भाजपा ने जारी किया संकल्प पत्र
SC Decision on Divorce : इसके साथ ही कोर्ट यह भी सुनिश्चित करेगा कि पति-पत्नी के बीच बराबरी कैसे रहेगी। इसमें मैंटेनेंस, एलिमोनी और बच्चों की कस्टडी शामिल है। कोर्ट ने यह आदेश 20 सितंबर 2022 को ही सुरक्षित रख लिया था। जस्टिस संजय किशन कौल, संजीव खन्ना, ए. एस ओका, विक्रम नाथ और जे. के महेश्वरी की संवैधानिक बेंच जिस मुद्दे के तहत सुनवाई कर रही थी, वह था कि हिंदू मैरिज एक्ट के सेक्शन 13बी के तहत आपसी सहमति से तलाक के लिए अनिवार्य किया गया 6 महीने का समय हटाया जा सकता है या नहीं।
Follow this link to join my WhatsApp Group
-----------------------------------------------------------------
देश-दुनिया की ताजा खबरों के लिए >>>Join WhatsApp Group Join<<< करें। आप हमें >>>Facebook<<< फॉलो कर सकते हैं। लेटेस्ट खबरें देखने के लिए हमारे यूट्यूब चैनल को भी सबस्क्राइब करें।
-----------------------------------------------------------------