
संभल (वीकैंड रिपोर्ट)- Sambhal violence उत्तर प्रदेश के संभल जिले में 24 नवंबर को शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण के दौरान हुए बवाल के बाद पत्थरबाजों और उपद्रवियों की तलाश जोरों पर हो रही है। इसके साथ ही हिंसा करने वालों पर यूपी सरकार सख्ती बरतेगी। पत्थरबाजों और उपद्रवियों के पोस्टर सार्वजनिक रूप से लगाए जा सकते हैं।
इसके साथ ही नुकसान की उपद्रवियों से वसूली की जा सकती है। जरूरी हुआ तो उपद्रवियों पर इनाम भी घोषित हो सकता है। संभल हिंसा के गुनहगार किसी भी सूरत में बच नहीं पाएंगे। बता दें कि यूपी की योगी सरकार पहले ही उपद्रव करने वालों के खिलाफ नुकसान की वसूली और पोस्टर का अध्यादेश जारी कर चुकी है।
एक ओर जहां बरेली जोन के एडीजी रमित शर्मा और मुरादाबाद के डीआईजी मुनिराज भी जिले में रहकर लगातार निगरानी रख रहे है तो वहीं, शुक्रवार को जुमे की नमाज पर भीड़ के अंदेशे के साथ-साथ कुछ अलर्ट को लेकर पुलिस भी सक्रिय हो गई है।
मंगलवार की शाम को चंदौसी रोड स्थित पीडब्ल्यूडी गेस्ट हाउस में शहर के मौलानाओं के साथ तीनों अधिकारियों ने बैठक की, जिसमें एडीजी और डीआईजी के अलावा पुलिस अधीक्षक और दोनों अपर पुलिस अधीक्षक मौजूद रहे। मौलाना से अपील की गई कि वह शहर में शांति-व्यवस्था कायम रखने के लिए लोगों को समझाएं और किसी भी अफवाह या भ्रामक बातों पर भरोसा न करते हुए प्रशासन का सहयोग करें, हालांकि इस दौरान कुछ मौलानाओं ने पुलिस के एक अधिकारी को लेकर विरोध भी जताया और कहा कि संभल तहसील में तैनात एक अधिकारी को ड्यूटी से अलग रखा जाएगा तो लोग विरोध नहीं करेंगे, भड़केंगे नहीं।
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