नई दिल्ली (वीकैंड रिपोर्ट)- Indus water treaty put on hold : पहलगाम हमले के बाद भारत ने जो कदम उठाए हैं, उनमें सबसे बड़ा फैसला है- सिंधु जल समझौते पर रोक लगाना। पाकिस्तान की खेती, पीने का पानी और बिजली उत्पादन का बड़ा हिस्सा इसी पानी पर निर्भर है। यह पहला मौका है जब भारत ने सिंधु जल समझौता पर रोक लगाई है। आजादी के बाद से ही सिंधु जल बंटवारे को लेकर दोनों मुल्कों में कई तरह की दुविधापूर्ण स्थिति पैदा होने लगी थी। इसे दूर करने के लिए 65 साल पूर्व 1960 में सिंधु जल समझौता हुआ। इसमें अंतरराष्ट्रीय मानकों के हिसाब से दोनों देशों के बीच इस नदी के पानी बंटवारे को लेकर एक समझौता हुआ जो दोनों देशों को मान्य हुआ।
Indus water treaty put on hold : इस समझौते के कारण पिछले कुछ साल से लगातार टकराव होता रहा है। कुछ साल पहले भारत सरकार की ओर से 1960 में हुए सिंधु जल समझौते में संशोधन करने के लिए नोटिस भेजा गया था। सरकार ने कहा कि पाक की कार्रवाइयों ने सिंधु संधि के प्रावधानों पर प्रतिकूल प्रभाव डाला है। जम्मू-कश्मीर में 2007 में शुरू हुई किशनगंगा हाइड्रोइलेक्ट्रिक परियोजना के तहत रन ऑफ द रिवर बांध का निर्माण किया गया है। पाकिस्तान इस आधार पर इस परियोजना का विरोध कर रहा है कि सिंधु जल समझौते के तहत भारत को नदी का पानी डायवर्ट करने की अनुमति नहीं है।
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