नई दिल्ली (वीकैंड रिपोर्ट): Important decision of the Supreme Court…सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को अहम फैसले के तहत नागरिकता अधिनियम की धारा 6ए की वैधता बरकरार रखी है। इसे 1985 में असम समझौते के बाद पेश किया गया था, जो मार्च 1971 से पहले भारत में प्रवेश करने वाले बांग्लादेशी प्रवासियों को भारतीय नागरिकता देने से रोकती थी। सुप्रीम कोर्ट ने 4-1 के बहुमत के फैसले से धारा 6A को वैध करार दिया।
Important decision of the Supreme Court…सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों की पहचान, पता लगाने और निर्वासन के लिए असम में तत्कालीन सर्बानंद सोनोवाल सरकार में NRC को लेकर दिए गए निर्देशों को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए कहा है। सुप्रीम कोर्ट अब से इस पहचान और निर्वासन प्रक्रिया की निगरानी करेगा।
नागरिकता अधिनियम की धारा 6ए पर उच्चतम न्यायालय ने कहा कि किसी राज्य में विभिन्न जातीय समूहों की उपस्थिति का मतलब अनुच्छेद 29(1) का उल्लंघन कदापि नहीं है।