नई दिल्ली (वीकैंड रिपोर्ट) : Hearing On Article 370 : सुप्रीम कोर्ट में अनुच्छेद 370 की सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ ने बहुत ही अहम टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 35-A ने नागरिकों के कई मौलिक अधिकारों को छीन लिया है। इसने नागरिकों से जम्मू- कश्मीर में रोजगार, अवसर की समानता, संपत्ति अर्जित करने के अधिकार छीना है। ये अधिकार खास तौर पर गैर-निवासियों से छीने गए हैं।
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CJI डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि संविधान के अनुच्छेद 35A के तहत जम्मू-कश्मीर के लोगों को विशेषाधिकार मिले थे। लेकिन, इसी आर्टिकल के कारण देश के लोगों के तीन बुनियादी अधिकार छीन लिए गए। इस आर्टिकल की वजह से अन्य राज्यों के लोगों के कश्मीर में नौकरी करने, जमीन खरीदने और बसने के अधिकारों का हनन हुआ। सुनवाई में भारत सरकार की तरफ से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने इस पर सहमति जताई।
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Hearing On Article 370 : तुषार मेहता ने कहा कि अनुच्छेद 35ए के अनुसार “स्थायी निवासियों” को परिभाषित करने के लिए वर्ष 1927 को कट-ऑफ वर्ष के रूप में निर्धारित किया गया था। उन्होंने बताया कि इसके परिणामस्वरूप ऐसी स्थिति उत्पन्न हो गई जहां दशकों से इस क्षेत्र में रह रहे लोगों को अधिकारों से वंचित कर दिया गया। एसजी ने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि महिलाओं ने एक अनिवासी से शादी करने का अधिकार खो दिया।
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