जालंधर (वीकैंड रिपोर्ट)- Health News : जिस विद्या द्वारा न केवल हथेली पर रेखाओं के लक्षण बल्कि समस्त शरीर के चिन्हों का विवेचन कर मानव का स्वभाव, सुख-दुःख को जाना जाता है, उसे सामुद्रिक शास्त्र कहते हैं। सामुद्रिक विद्या द्वारा शरीर के अंगों को देखकर किसी भी व्यक्ति के चरित्र और स्वभाव का ठीक-ठीक आकलन किया जा सकता है। सामुद्रिक विद्या के अनुसार सीधी, सरल, सुन्दर नासिका (नाक) जिसका आकार उपर से नीचे तक सुडौल हो, भाग्यवान व्यक्ति का बोध कराती है। सामुद्रिक शास्त्र के अनुसार ऊंची एवं बड़ी नाक वाला व्यक्ति धनी और सभी सुखों को भोगने वाला होता है। सुंदर और तीखी नाक (तोते जैसी) वाला व्यक्ति तेज दिमाग वाला, शरीफ एवं किसी उच्च पद को प्राप्त करने वाला होता है। जिस व्यक्ति की नाक छोटी एवं बहुत कम उभरी हुई हो वह नेक दिल और शरीफ होता है। बहुत नुकीली नाक प्रायः अच्छी नहीं मानी जाती है।
Health News : ऊपर अधिक पतली तथा नीचे ज्यादा चौड़ी नाक वाला व्यक्ति दम्भी, चिड़चिड़ा, दुर्गुणी तथा अहंकारी होता है। छोटी एवं मोटी नाक वाले व्यक्ति को जीवन में संघर्ष अधिक करना पड़ता है, जब ग्रहदशा विपरीत हो तो वह अपनों की कही बातों को भी नजरअंदाज करता है, मित्र शत्रु दिखते हैं। चील या गिद्ध जैसी नाक वाले व्यापारी या उद्योगपति होते हैं। ऐसे लोग साहसी, लगनशील और प्रतिस्पर्धी पर विजयी पाने वाले होते हैं। हाथी की सूंड़ के समान नाक वाले व्यक्ति धनवान होते हैं। जिनकी नाक हंस के समान होती है वह प्रशासनिक अधिकारी होते हैं। होठों के ठीक बीच में नाक वाले सुखी जीवन व्यतीत करते हैं। यदि नाक का सिरा दाईं ओर झुका हो तो वह व्यक्ति क्रूर और दुष्ट होता है। जिसकी नाक धंसी हुई सी हो वह अल्पायु होता है।
-----------------------------------------------------------------
देश-दुनिया की ताजा खबरों के लिए >>>Join WhatsApp Group Join<<< करें। आप हमें >>>Facebook<<< फॉलो कर सकते हैं। लेटेस्ट खबरें देखने के लिए हमारे यूट्यूब चैनल को भी सबस्क्राइब करें।
-----------------------------------------------------------------