
वीकैंड रिपोर्ट: भारत UPI के मामले में सबसे आगे है। आपको बता दें कि जितनी अमेरिका की पूरी आबादी है उससे भी ज्यादा एक दिन में यूपीआई पेमेंट होती है,क्योंकि अमेरिकी की आबादी कुछ 341.2 मिलियन है और वहीं, 2 अगस्त को भारत में एक दिन के भीतर 707 मिलियन यूपीआई ट्रांजेक्शंस किए गए। ऐसे में बार-बार ऐसी खबरें आती रहती हैं कि सरकार UPI पर चार्ज लगाएगी, लेकिन सरकार ने फिर से स्पष्ट किया है कि UPI पेमेंट पर कोई चार्ज नहीं लगेगा।
UPI पर कोई शुल्क नहीं
जानकरी के मुताबिक केंद्र ने सोमवार को बताया कि UPI आधारित डिजिटल पेमेंट पर लेनदेन शुल्क लगाने का कोई प्रस्ताव नहीं है। आपको बता दें कि UPI ट्रांजैक्शन भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम द्वारा सुगम बनाए जाते हैं और इसके 30 अगस्त 2019 के सर्कुलर ने अधिग्रहण करने वाले बैंकों को ट्रांजैक्शन वैल्यू के 0.30 प्रतिशत की दर से मर्चेंट डिस्काउंट रेट MDR वसूलने की अनुमति दी थी। वहीं, पंकज चौधरी जो कि वित्त राज्य मंत्री हैं उन्होंने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि भुगतान और निपटान प्रणाली अधिनियम 2007 की धारा 10A में ये बात है कि कोई भी बैंक या सिस्टम प्रदाता आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 269 एसयू के तहत निर्धारित इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से भुगतान करने वाले भुगतानकर्ता या भुगतान प्राप्त करने वाले लाभार्थी पर कोई शुल्क नहीं लगाएगा।
आपको बता दें कि सरकार ने इकोसिस्टम पार्टनर्स द्वारा यूपीआई सर्विस की निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए वित्त वर्ष 2021-2022 से वित्त वर्ष 2024-25 तक प्रोत्साहन योजना लागू की थी। वहीं, राज्य मंत्री का कहना है कि इस दौरान, सरकार ने कुछ 8,730 करोड़ रुपए का प्रोत्साहन समर्थन प्रदान किया है। सररकार के अनुसार, जुलाई 2025 में यूपीआई ने एक नई उपलब्धि हासिल की। इसमें पहली बार एक ही महीने में 1,946.79 करोड़ से ज्यादा लेनदेन दर्ज किए गए हैं। इसी अवधि के चलते, ट्रांजैक्शन वैल्यू 1,962 लाख करोड़ रुपए से बढ़कर 3,509 लाख करोड़ रुपए हो गई।
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