जालंधर (वीकैंड रिपोर्ट): नारी शिक्षा में क्षेत्र में अग्रणी हंसराज महिला महाविद्यालय की लाईब्रेरी पूरे क्षेत्र की सर्वश्रेष्ठ लाईब्रेरियों में से एक है। यह स्वामी दयानन्द सरस्वती के नाम से जानी जाती है। कॉलेज प्राचार्या प्रो. डॉ श्रीमती अजय सरीन ने बताया कि यह लाईब्रेरी 1948 में स्थापित की गई है। जब यह प्रतिष्ठित संस्थान को लाहौर से स्थानांतरित किया गया था। प्रकृति के नजदीक यह लाईब्रेरी पूरी तरह से वातानुकूलित इमारत में स्थापित है। लाइब्रेरी को हर काम के लिए डिजिटल किया जा चुका है।
इस लाईब्रेरी को ष्ठश्वरुहृश्वञ्ज और ढ्ढहृस्नरुढ्ढक्चहृश्वञ्ज की सदस्यता मिली हुई है तथा यह अपने पाठकों के लिए ङ्खश्वक्च ह्रक्क्रष्ट की सुविधा प्रदान करती है ताकि वह दुनिया के किसी भी हिस्से से इंटरनेट की निजी कंप्यूटर / मोबाइल पर इन सुविधाओं का उपयोग कर सकते हैं। लाईब्रेरी में विभिन्न विषयों पर 1,05,277 पुस्तकों का संग्रह है। लाईब्रेरी में 122 मैगजीन और २२ समाचार पत्रों की सुविधा भी उपलब्ध है।
विशेष आवश्यकताओं वाली छात्राओं के लिए ब्रेल पुस्तकों और टॉकिंग पुस्तकों का संग्रह भी है। ई-संसाधनों का लाभ उठाने के लिए छात्राओं के लिए इंटरनेट सुविधा के साथ 22 कंप्यूटरों सहित इसका एक अलग कंप्यूटर सैक्षन भी है। कॉलेज लाइब्रेरी में न केवल पुस्तकों का एक विशाल संग्रह है, बल्कि ज्ञान संस्कृति और उन्नति का एक अच्छा स्रोत भी है।
यह पूरी तरह सुसज्जित पुस्तकालय चार वेदों और अन्य पवित्र पुस्तकों के साथ आत्म मंथन तथा मैडिटेशन के लिए एक पीस जोन भी है। फैक्लटी तथा छात्राओं के लिए अलग-अलग रीडिंग सैक्षन भी है। कॉलेज लाईब्रेरी द्वारा छात्राओं को बुक बैंक की सुविधा भी दी जाती है। प्राचार्या डॉ सरीन ने लाईबे्ररी के समूह स्टाफ सदस्यों के प्रयत्नों की सराहना भी की।
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