जालंधर (वीकैंड रिपोर्ट) : Scheduled Caste Atrocities Cases : डिप्टी कमिश्नर विशेष सारंगल ने गुरुवार को पुलिस विभाग और जिला अटॉर्नी दफ्तर को अनुसूचित जातियों के खिलाफ अत्याचार के मामलों में तुरंत न्याय सुनिश्चित करने के लिए अत्याचार निवारण अधिनियम, 1989 अधीन मामलों की जांच समय पर पूरी करने के निर्देश दिए। आज यहां जिला प्रशासकीय परिसर में आयोजित बैठक के दौरान,डिप्टी कमिश्नर ने कहा कि जिला स्तरीय समिति को मुआवजे के लिए कमिश्नरेट पुलिस, जालंधर ग्रामीण पुलिस और जिला अटॉर्नी दफ्तर से 32 मामले प्राप्त हुए है।
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सारंगल ने जिला सामाजिक न्याय, अधिकारिता एवं अल्पसंख्यक अधिकारी को अत्याचार निवारण अधिनियम के प्रावधानों अधीन सभी स्वीकृत मामलों में प्रभावित लोगों को मुआवजा देने को सुनिश्चित करने को कहा। जिले में डिप्टी कमिश्नर एससी/एसटी. एससी/एसटी समुदाय के हितों की रक्षा करने के लिए अत्याचार निवारण अधिनियम को प्रभावी ढंग से लागू करने की वकालत की। उन्होंने कहा कि एस.सी./एस.टी. अत्याचार निवारण अधिनियम अधीन कोई भी व्यक्ति जो शिकायत दर्ज करवाने वाला कोई भी व्यक्ति एक्ट की अलग-अलग धाराओं अधीन एफआईआर दर्ज करवाने के बाद मुआवजे के योग्य है।
Scheduled Caste Atrocities Cases : उन्होंने कहा कि एफ.आई.आर पुलिस द्वारा दर्ज की जाती है जबकि जिला अटॉर्नी दफ्तर जांच करता है कि एफ.आई.आर में डाली गई धाराएं ठीक है या नहीं। बैठक में पुलिस द्वारा दर्ज किए गए मामलों और जिला अटार्नी द्वारा लड़े जा रहे केसों के बारे में विचार-विर्मश किया गया। इन केसों को प्राथमिकता के आधार पर हल करवाने के लिए और अधिक प्रयास करने का निर्णय लिया गया।
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