Dhruva had pleased God with his pure expressions only – Navjeet Bhardwaj
जालंधर वीकैंड रिपोर्ट Religious News मां बगलामुखी धाम गुलमोहर सिटी नज़दीक लमांपिंड चौंक जालंधर में मां बगलामुखी जी के निमित्त सप्ताहिक दिव्य हवन यज्ञ का आयोजन मदिंर परिसर में किया गया। सर्व प्रथम ब्राह्मणों द्वारा मुख्य यजमान चेतन अरोडा से विधिवत वैदिक रिती अनुसार पंचोपचार पूजन, षोडशोपचार पूजन, नवग्रह पूजन उपरांत सपरिवार हवन-यज्ञ में आहुतियां डलवाई।
‘मां बगलामुखी जी के निमित्त सप्ताहिक दिव्य हवन यज्ञ सम्पन्न’
सिद्ध मां बगलामुखी धाम के प्रेरक प्रवक्ता नवजीत भारद्वाज जी ने दिव्य हवन यज्ञ पर उपस्थित मां भक्तों को प्रवचनों और भजनों द्वारा निहाल करते हुए कहा कि अधिकतर लोग भगवान को तभी याद करते हैं, जब वे मुसीबत में होते हैं, लेकिन ऐसा नहीं करना चाहिए। भगवान की भक्ति हर पल करनी चाहिए। दुख में ही नहीं, सुख के दिनों में भी प्रार्थना करनी चाहिए। भक्त के भाव पवित्र होने चाहिए, तभी भगवान की कृपा मिल सकती है।
नवजीत भारद्वाज जी ने कहा कि भक्ति कैसी होनी चाहिए, ये हम भक्त ध्रुव की कथा से समझ सकते हैं। भागवत में भक्त ध्रुव की कथा आती है। ध्रुव के पिता की दो पत्नियां थीं। एक दिन एक सभा के दौरान ध्रुव अपने पिता की गोद में बैठने के लिए आगे बढ़ा तो सौतेली मां ने उसे रोक दिया। उस समय ध्रुव पांच साल का ही था। वह रोने लगा।
सौतेली मां की डाँटकर खाकर रोते हुए ध्रुव अपनी माँ के पास पहुंचे तो ध्रुव की मां ने प्रेरणा दी कि वे संसार के पालनहार भगवान की गोद में बैठने के लिए तपस्या करें। ध्रुव ने कहा कि मां भगवान कैसे मिलेंगे? मां ने जवाब दिया कि इसके लिए तो जंगल में जाकर घोर तपस्या करनी पड़ेगी। बालक ध्रुव ने जिद पकड़ ली कि अब भगवान की गोद में ही बैठना है। वह जंगल की ओर निकल पड़ा।
एक पेड़ के नीचे बैठकर ध्रुव ने ध्यान लगाया, लेकिन उसे कोई मंत्र नहीं आता था। उस समय वहां नारदजी पहुंचे और उन्होंने बालक ध्रुव को गुरु मंत्र दे दिया। मंत्र था ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय नम:। इसके बाद बालक ध्रुव मंत्र जपने लगा। कोई और इच्छा नहीं थी, सिर्फ एक भाव की भगवान की गोद में बैठना है।
बालक ध्रुव मन से भगवान को पुकारने लगा। बच्चे का निर्दोष भावों से भगवान विष्णु भी पिघल गए। वे प्रकट हुए और वर मांगने के लिए कहा। ध्रुव ने कहा मुझे अपनी गोद में बैठा लीजिए। भगवान ने ये इच्छा पूरी कर दी। ना कोई प्रसाद और ना कोई चढ़ावा, पांच साल के ध्रुव ने सिर्फ भावों से ही भगवान को प्रसन्न कर लिया था।
शास्त्रों के अनुसार आज भी आकाश मंडल में ध्रुव तारा जगमगा रहा है जो हमें प्रेरणा देता है कि भगवान की भक्ति ही हमें सर्वोच्च पद पर विराजमान कर सकती है। भक्ति के पवित्र भाव ही हमें भगवान की कृपा दिलवा सकते हैं। इसीलिए सुख हो या दुख, हर पल भगवान का ध्यान करते रहना चाहिए।
इस अवसर पर उदित गोयल,राकेश शर्मा राकी, राकेश प्रभाकर,बलजिंदर सिंह,जगदीश डोगरा,अमरेंद्र कुमार शर्मा, ऋषभ कालिया,अजीत कुमार ,रिंकू सैनी, नरेंद्र,रोहित भाटिया,बावा खन्ना, विनोद खन्ना, नवीन, प्रदीप, सुधीर,दीपक, सुमीत ,जोगिंदर सिंह,मनीष शर्मा, अरुण कुमार,विक्की ,गुप्ता,सुक्खा अमनदीप , अवतार सैनी, डॉ परमजीत सिंह,गौरी केतन शर्मा,सौरभ , नरेश,अजय शर्मा,दीपक , सौरभ मल्होत्रा,किशोर,प्रदीप , प्रवीण,राजू, गुलशन शर्मा,संजीव शर्मा, ऐडवोकेट भाटिया,मुकेश,संजीव बहल, रजेश महाजन ,अमनदीप शर्मा, गुरप्रीत सिंह, विरेंद्र सिंह, अमन शर्मा,वरुण, नितिश, भोला शर्मा,दीलीप, लवली, लक्की, रोहित,विशाल , अश्विनी शर्मा , रवि भल्ला, जगदीश,नवीन कुमार, मनीष धीर,वरुण,निर्मल,अनिल,सागर,भूपेश मैनी,चिराग, अश्विनी शर्मा,अमृत,सचीन, तरुण, रमन,देवांश,तेजपाल,शैली बाबी, विशाल,बलविंदर,दीपक, प्रिंस कुमार, पप्पू ठाकुर, बलदेव सिंह,कमल नैयर सहित भारी संख्या में भक्तजन मौजूद थे।
हवन-यज्ञ उपरांत विशाल लंगर भंडारे का आयोजन किया गया।
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