एजुकेशन डेस्क (वीकैंड रिपोर्ट) : National Education Policy : एपीजे कॉलेज ऑफ फाइन आर्ट्स जालंधर में राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर आयोजित फैकेल्टी डेवलपमेंट के दूसरे दिन तीन स्त्रोत वक्ताओं ने विभिन्न विषयों पर अपने विचार व्यक्त किए। प्राचार्य डॉ नीरजा ढींगरा ने फैकेल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम की सार्थकता पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहाकि पांच दशक पहले ही एपीजे एजुकेशन की स्थापना में राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के मूलबिंदु समाहित थे,डॉ सत्यपाल की दूरदर्शिता विद्यार्थियों को सर्व कला संपन्न बनाने के लिए एपीजे शिक्षण संस्थाओं के रुप में श्रेष्ठ मंच प्रदान करने के लिए आतुर थी डॉ नीरजा ढींगरा ने कहाकि आज राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार केवल विद्यार्थियों को ही सर्व कला संपन्न बनाने की जरूरत नहीं है बल्कि टीचर्स को भी ज्ञान के विभिन्न क्षेत्रों से जुड़कर आत्म विकास करना होगा।
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अंग्रेजी विभाग की अध्यक्ष डॉ सुनीत कौर ने ‘इंपॉर्टेंस ऑफ मल्टी डिसीप्लिनरी एंड हॉलिस्टिक एजुकेशन’ विषय पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहाकि जिस राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 की बात हम आज कर रहे हैं भारत के इतिहास के पन्ने पलटिएतक्षशिला, नालंदा विश्वविद्यालय इसके जीवंत उदाहरण है। बाण भट्ट का दंबरी में लिखते हैं कि अच्छी शिक्षा वही है जिससे 64 कलाओं का ज्ञान प्राप्त हो; उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अपनी समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर से जुड़कर ही हमें अंतरराष्ट्रीय स्तर के शैक्षणिक विकास के प्रवाह में आगे बढ़ना होगा। उन्होंने मल्टी डिसीप्लिनरी, इंट्रडिसीप्लिनरी एवं ट्रांसडिसीप्लिनरी के सूक्ष्म अंतर को भी बढ़े ही प्रभावशाली ढंग से स्पष्ट किया।
National Education Policy : कंप्यूटर साइंस विभाग के डॉक्टर जगमोहन मागो ने ‘एकेडिमक बैंक ऑफ क्रेडिट’ विषय पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि विद्यार्थी अपनी रुचि एवं सुविधा के साथ एक ही समय पर विभिन्न संस्थानों में अपने आप को रजिस्टर करके शिक्षा हासिल कर सकते हैं एबीसी एक तरह का उनका यूनिवर्सल रोलनंबर है और विभिन्न संस्थानों से हासिल किए उनके क्रेडिट इसमें जमा होते रहते हैं और जिस संस्थान से विद्यार्थी DSC डिसिप्लिन स्पेसिफिक कोर्स करेगा वही संस्थान इनक्रेडिट स्कोर को रिडीम करते हुए उसे सर्टिफिकेट, डिप्लोमा या डिग्री प्रदान कर सकते हैं उन्होंने कहाकि यह क्रेडिट सात वर्ष तक मान्य रहेंगे।
कॉमर्स विभाग की अध्यक्ष डॉ मोनिका मोगला ने ‘करिकुलम एंड क्रेडिट फ्रेमवर्क’ पर अपने विचार विस्तार से व्यक्त किए।इस प्रोग्राम में मेंटिस कॉलेज ज़राम गढ़िया कॉलेज फगवाड़ा, जनता कॉलेज करतारपुर एवं बीएलएम कॉलेज नवांशहर के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया। इकोनॉमिक्स विभाग की अध्यक्ष डॉ सुप्रीत कौर ने फैकल्टी डिवलपमेंट कार्य क्रम की अपार सफलता के लिए प्राचार्य डॉ नीरजा ढींगरा एवं सभी स्त्रोत वक्ता ओंका आभार व्यक्त किया।
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