जालंधर (वीकैंड रिपोर्ट) : स्थानीय रतन अस्पताल में मंगलवार को डॉ बलराज गुप्ता द्वारा गर्भवती महिला का लिंग निर्धारण टेस्ट करने तथा अबॉर्शन करने के एवज में ₹25000 मैं सौदा तय करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार डॉ बलराज गुप्ता तथा उनकी सहयोगी पूनम के खिलाफ थाना 4 में सिविल सर्जन डॉ गुरिंदर चावला की शिकायत पर आईपीसी की धारा 420,120 बी, पीसीपीएनडीटी के तहत मामला दर्ज किया है। हालांकि मामला दर्ज होने के बाद डॉ बलराज गुप्ता मौके से फरार हो गए और देर रात उनकी तलाश में लगातार छापामारी की जा रही थी।
सिविल सर्जन डॉ. चावला ने बताया कि सेहत विभाग ने मंगलवार को एक प्राइवेट डिटेक्टिव एजेंसी की टीम रतन अस्पताल भेजी थी, जिसमें एक महिला अपना टेस्ट करवाने टीम के साथ गई। वहां पर टीम ने महिला का पैसे देकर टेस्ट करवाया गया, जिसका स्टिंग ऑपरेशन कैमरे में कैद हो गया है। उसके बाद मौके पर जालंधर सेहत विभाग के कई अधिकारी पहुंचे।
प्राइवेट डिटेक्टिव टीम के विकास पुरी ने जानकारी देते हुए बताया कि सेहत विभाग के पास ऐसी सूचना आ रही थी कि जालंधर के कई अस्पतालों में मोटी रकम लेकर लिंग निर्धारित टेस्ट किए जा रहे हैं। इसके बाद पंजाब हेल्थ डिपार्टमेंट की तरफ से उनकी डिटेक्टिव टीम को हायर किया गया था। आज अपनी टीम के साथ उधम सिंह नगर में स्थित रतन अस्पताल में आए थे। उनके साथ एक गर्भवती महिला भी थी जिन्हें टीम ने हायर किया हुआ था गर्भवती महिला को लेकर टीम अस्पताल में दाखिल हुई और सबसे पहले रिसेप्शन पर उन्हें पूनम नाम की महिला मिली जिसने पर्ची काटी और टेस्ट करने के नाम पर उनसे पैसे भी लिए जिसके बाद डॉक्टर को बुलाया गया और डॉक्टर के साथ प्राइवेट डिटेक्टिव टीम के एक सदस्य जो कि महिला का पति पति बनकर आया था ने डॉक्टर से बातें की उसके पहले से ही दो बेटियां हैं क्या इस बार वह बता सकते हैं कि उसकी पत्नी के पेट में बेटा है या बेटी।
टीम के अनुसार पहले तो वह टालमटोल करते रहे मगर बाद में डॉक्टर ने गर्भवती महिला को रूम में बुलाया और चेकअप के नाम पर स्कैनिंग की इसके बाद फिर बाहर आ गए। विकास पुरी की माने तो स्कैनिंग बंद कर बाहर आने के बाद डॉक्टर ने उनसे कहा कि इस बार भी आपको निराश होना पड़ेगा क्योंकि महिला के पेट में फिर से बेटी है और वह अबॉर्शन कर सकते हैं मगर इसके लिए ₹25000 का खर्चा आएगा। इस पर टीम ने हां कर दी और पैसे डॉक्टर को दे दिए मगर इस दौरान डॉक्टर को बिल्कुल भी आभास नहीं हुआ कि उनकी यह सारी हरकत गुप्त कैमरे में कैद हो रही है।
जब टीम ने खुलासा किया कि वह हेल्थ डिपार्टमेंट की तरफ से हायर की गई प्राइवेट डिटेक्टिव टीम है तो डॉक्टर के होश उड़ गए और हंगामा शुरू कर दिया इस दौरान अस्पताल के अन्य स्टाफ भी अंदर आ गया और टीम के साथ धक्का-मुक्की शुरू कर दी। इतना ही नहीं अस्पताल प्रशासन की तरफ से पुलिस कंट्रोल रूम पर सूचना दी गई और मौके पर पुलिस को बुलाया गया इस दौरान हेल्थ डिपार्टमेंट की प्राइवेट डिटेक्टिव टीम को ब्लैकमेलर बता कर हंगामा किया गया और थाना चार की पुलिस विकास पुरी को गाड़ी में डालकर थाना ले गई।
इसके बाद में पूरे मामले का खुलासा होने के बाद डॉक्टर गुरिंदर चावला सिविल सर्जन जालंधर के बयान पर डॉ बलराज गुप्ता तथा उनकी सहयोगी पूनम के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया। वही मामला दर्ज होने के बाद से ही डॉक्टर और उसकी सहयोगी पूनम फरार बताई जा रही है और उनकी तलाश में लगातार पुलिस टीम उनके संभावित ठिकानों पर छापामारी कर रही है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक डॉ बलराज गुप्ता ने खुद को निर्दोष बताया उनका कहना है कि उन्हें फंसाया जा रहा है अगर डॉ बलराज गुप्ता किसी भी तरह से अपना पक्ष रखना चाहते हैं तो हमसे हमारे मोबाइल नंबर 9417313252 पर संपर्क करे सकते हैं हम उनका पक्ष भी प्रमुखता से प्रकाशित करेंगे।
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