नवांशहर में सिद्धू का विरोध करते किसान।
नवांशहर (वीकैंड रिपोर्ट) : Protest Against Navjot Singh Sidhu : सिद्धू हमेशा ही किसान आंदोलन के समर्थन में बोलते आए हैं। मई में उन्होंने दिल्ली बॉर्डर पर बैठे हुए किसान संगठनों को समर्थन देते हुए अमृतसर और पटियाला में अपने घर की छत पर काला झंडा लहराया था। सिद्धू ने कहा था कि केंद्र का किसानों को सीधे भुगतान का फैसला एक षड्यंत्र है। इससे पंजाब के 30 फीसदी किसानों को एमएसपी का भुगतान नहीं हो सकेगा, क्योंकि वह ठेके पर खेती कर रहे हैं और खास बात यह है कि इनमें से ज्यादातर ठेके मौखिक आधार पर हैं।
सिद्धू ने कहा कि केंद्र सरकार जिन किसानों की भलाई के लिए इन कृषि कानूनों को लाने का दावा कर रही है, उनसे इसके बारे में पहले बात क्यों नहीं की गई। इससे साफ है कि केंद्र इन कानूनों के जरिये अपने मित्र कारपोरेट घरानों को फायदा पहुंचाना चाहता है। उनकी साजिश मंडियों के निजीकरण और मंडी व्यवस्था को तबाह करने की है। लेकिन पंजाब का किसान इसके खिलाफ जब एकजुट हो गया है तो केंद्र उन्हें ही बदनाम करने और उनके आंदोलन को खत्म करने की साजिशें रच रहा है। सिद्धू ने सवाल किया कि क्या मोदी सरकार में शांतिपूर्ण आंदोलन करना गुनाह है।
नवजोत सिद्धू ने शहीद ए आजम भगत सिंह के स्मारक पर माथा टेका
Protest Against Navjot Singh Sidhu : पंजाब कांग्रेस के नवनियुक्त प्रधान नवजोत सिद्धू मंगलवार को खटकड़कलां पहुंचे। उन्होंने शहीद ए आजम भगत सिंह के स्मारक पर माथा टेका। इसी दौरान सिद्धू के दौरे की भनक लगते ही मौके पर किसान संगठनों के लोग भी मौके पर पहुंच गए और विरोध प्रदर्शन करने लगे। पुलिस प्रशासन ने उनको रोकने का प्रयास किया तो किसानों ने जबरदस्ती आगे बढ़ना शुरू कर दिया। पुलिस प्रशासन ने पहले सिद्धू और किसानों की आमने सामने बात करवाने की योजना बनाई लेकिन मामला बिगड़ते देख इसे रद्द कर दिया गया।
Punjab | Protests& black flags shown to Navjot Singh Sidhu on his arrival at Bhagat Singh Marg
A Farmers Organisation was protesting against farm laws&wanted to question Sidhu. Congress was on the other side&wanted to avoid clashes. No lathi-charge: Avtar Singh, SHO Banga pic.twitter.com/1leLs8DeZR
— ANI (@ANI) July 20, 2021
सिद्धू ने शुरू से किसान आंदोलन का समर्थन किया
सिद्धू हमेशा ही किसान आंदोलन के समर्थन में बोलते आए हैं। मई में उन्होंने दिल्ली बॉर्डर पर बैठे हुए किसान संगठनों को समर्थन देते हुए अमृतसर और पटियाला में अपने घर की छत पर काला झंडा लहराया था। सिद्धू ने कहा था कि केंद्र का किसानों को सीधे भुगतान का फैसला एक षड्यंत्र है। इससे पंजाब के 30 फीसदी किसानों को एमएसपी का भुगतान नहीं हो सकेगा, क्योंकि वह ठेके पर खेती कर रहे हैं और खास बात यह है कि इनमें से ज्यादातर ठेके मौखिक आधार पर हैं।
मंडियों के निजीकरण और मंडी व्यवस्था को तबाह करने की है साजिश
सिद्धू ने कहा कि केंद्र सरकार जिन किसानों की भलाई के लिए इन कृषि कानूनों को लाने का दावा कर रही है, उनसे इसके बारे में पहले बात क्यों नहीं की गई। इससे साफ है कि केंद्र इन कानूनों के जरिये अपने मित्र कारपोरेट घरानों को फायदा पहुंचाना चाहता है। उनकी साजिश मंडियों के निजीकरण और मंडी व्यवस्था को तबाह करने की है। लेकिन पंजाब का किसान इसके खिलाफ जब एकजुट हो गया है तो केंद्र उन्हें ही बदनाम करने और उनके आंदोलन को खत्म करने की साजिशें रच रहा है। सिद्धू ने सवाल किया कि क्या मोदी सरकार में शांतिपूर्ण आंदोलन करना गुनाह है।
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https://dailynewsreport.in/punjab/punjab-congress-new-president/
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