जालंधर (वीकैंड रिपोर्ट): एच.एम.वी. कॉलेजिएट सीनियर सेकेण्डरी स्कूल में कॉलेज प्राचार्या प्रो. डॉ. (श्रीमती) अजय सरीन के प्रोत्साहनात्मक दिशा-निर्देशानुसार एवं कुशल नेतृत्व के अन्तर्गत ‘आशावादी विचारों के माध्यम से जीवन को संतुष्टि प्रदान करना’ शृंखला के अधीन ‘समाज सेवा की भावना और रिश्तों का सम्मान’ विषय पर व्याख्यान का आयोजन किया। व्याख्यान का शुभारंभ सर्वमंगल कामना हेतु ज्ञान का प्रतीक गायत्री मंत्र का गायन एवं प्रकाश की ज्योति प्रज्ज्वलित कर किया गया।
तत्पश्चात् प्राचार्या प्रो. डॉ. (श्रीमती) अजय सरीन ने इस अवसर पर आमन्त्रित मुख्य वक्ता श्रीमती आभा नागर (एडवोकेट पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट एवं सुप्रसिद्ध सामाजिक कार्यकत्र्ता, जालंधर) का हार्दिक अभिनंदन किया एवं श्रीमती मीनाक्षी स्याल और उनकी टीम को इस शृंखलाबद्ध व्याख्यान को सफल बनाने हेतु धन्यवाद दिया एवं अपने वक्तव्य में कहा कि समाज सेवा और रिस्तों को सम्मान देना, ये दोनों ही हमारी हिन्दू संस्कृति, सभ्यता एवं डीएवी संस्थाओं की आधारशिला है एवं कहा कि आर्य समाज के दस नियम हमें जीवन में सत्य के मार्ग पर अग्रसर होते हुए अपने से परे समाज के लिए क्या कर सकते हैं, उसके लिए प्रेरित करते हैं। उन्होंने रिश्तों के सम्मान पर अपने विचार सांझा करते हुए कहा कि रिश्ते ही ऐसा वस्त्र है जिसके धागे ऐसा ताना-बाना बुनते हैं कि दुनिया में हमें हमारे कर्मों एवं रिश्तों से याद किया जाए इसलिए हमारे बुजुर्ग कहते हैं कि रिश्तों का दृढ़ता से निर्वाह करना परम आवश्यक है।
द्वितीय दिवस मुख्य वक्ता श्रीमती आभा नागर ने ‘समाज सेवा की भावना और रिश्तों का सम्मान’ विषय पर छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि सेवा भाव हमारे संस्कारों, मूल्यों एवं ह्रदय में अचेतन रूप से शामिल है। जब तक हम सिर्फ दूसरों की भलाई की भावना से किसी की सहायता करते हैं तब तक वह परोपकारी कार्य है, परंतु जैसे ही हम ईश्वर का कार्य समझ कर अंतर्मन से एवं नि:स्वार्थ भाव से सामाजिक सेवा करते हैं तो वही सेवा भाव कहलाता है जो हमारी आत्मा को संतुष्टि प्रदान करता है।
उन्होंने कहा कि रिश्ते मानवीय भावनाओं का प्रतीक है। इसलिए हमें बुजुर्गों से सीखते हुए एवं सकारात्मकता की भावना का पालन करते हुए पूरी निष्ठा से रिश्तों का आदर करना चाहिए जो कि मनुष्य के सर्वोन्मुखी विकास में सहायक होते हैं। इस व्याख्यान में छात्राओं ने पूरे जोश एवं उत्साहपूर्वक प्रतिभागिता की एवं विशेषज्ञ श्रीमती आभा नागर ने छात्राओं द्वारा विषय से संबंधित पूछे गए प्रश्नों के उत्तर देते हुए उनके ज्ञान में बढ़ौतरी की।
इस अवसर पर श्रीमती मीनाक्षी स्याल ने प्राचार्या एवं विशेषज्ञ द्वारा प्रदान किए गए ज्ञानवर्धक विचारों की तहे दिल से प्रशंसा करते हुए धन्यवाद ज्ञापन ज्ञापित किया एवं उन्होंने छात्राओं को इस व्याख्यान के माध्यम से लाभान्वित होते हुए इन बहुमूल्य विचारों को अपने जीवन में अपनाएं एवं कहा कि रिश्ते सुलझे हुए, मजबूत एवं सशक्त होने चाहिए जो हमारे जीवन को खुशहाल एवं सुखमय बनाते हैं। अंत में उन्होंने तकनीकी सहायक, प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष सहयोगियों के प्रति हार्दिक आभार व्यक्त किया। वेबिनार के मध्यस्थ की भूमिका निभाते हुए मंच संचालन सुश्री ऋचा शर्मा द्वारा किया गया।
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