Capitol hospital is selling sanitizer at double the price
जालंधर (वीकैंड रिपोर्ट): पूरा देश लॉकडाउन में है सिर्फ कुछ जरुरी सामान या दवाईयां ही बेची जा रही हैं उसकी भी ब्लैक मार्केटिंग न हो इसलिए सरकार द्वारा कानून बनाया गया है कि कोई भी विक्रेता किसी भी सामान की निर्धारित मुल्य से ज्यादा कीमत नहीं वसूल सकता। फिर चाहे वह सामान उसने पहले महंगे दामों पर ही क्यों न खरीदा हो।
पर इस सबके बावजूद कई लोग लालच के बशीभूत हो कर कमाई करने का कोई मौका नहीं छोड़ते भले ही इसके कारण किसी को कितना ही नुकसान क्यों न हो जाए। ऐसा ही एक मामला सामने आया है स्थानीय कैपीटोल अस्पताल से जहां एक ग्राहक ने सैनीटाईजर खरीदा पर अस्पताल ने उसे ये सैनीटाईज़र दोगुणे से भी ज्यादा दाम पर बेचा जबकि सरकार द्वारा सैनीटाईज़र के दाम 100 एम एल के लिए 50 रुपये 500 एम एल के लिए 250 रुपये निर्धारित किए गए हैं इसके बावजूद अस्पताल द्वारा ग्राहक को ये सैनीटाईज़र 550 रुपये में बेचा गया जो कि निर्धारित मुल्य के दोगुणे से भी ज्यादा है। और तो और अस्पताल द्वारा अपनी इस चतुराई को सही साबित करने के लिए ग्राहक को इसका 550 रुपये का बिल भी दिया गया।
sanitizer capitol
नहीं ले सकते तय मुल्य से ज्यादा
इस बारे में आपको बता दें कि देश के केन्द्रीय मंत्री राम बिलास पासवान ने 20 मार्च को ट्वीट करके मास्क और सैनीटाईज़र की कीमतें तय करते हुए कहा था कि आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत 2 और 3 प्लाई मास्क में इस्तेमाल होने वाले फैब्रिक की कीमत वही रहेगी जो 12 फरवरी 2020 को थी, 2 प्लाई मास्क की खुदरा कीमत 8 रु./मास्क और 3 प्लाई की कीमत 10 रु./मास्क से अधिक नहीं होगी।
क्या कहते हैं ड्रग इंस्पैक्टर
इस बारे में ड्रग इंस्पैक्टर अमरजीत सिंह से बात की गई तो उन्होने ये स्पष्ट किया कि सरकार द्वार सैनीटाईज़र के लिए 50 पैसे प्रति एमएल का मुल्य निर्धारित किया गया है जिसके बाद कोई भी इस से ज्यादा मुल्य ग्राहक से नहीं वसूल सकता। अगर ऐसा कोई मामला सामने आएगा तो उस पर कड़ी कानूनी कार्यवाही की जाएगी।
क्या कहते हैं डॉ जीएस परुथी
इस बारे में अस्पताल के मुख्य डॉक्टर जीएस परुथी से फोन पर बात की गई तो उनका कहना है कि एक तो जो अस्पताल की फार्मेसी शॉप है वह अलग है मैने उससे पता किया था। हमने भी सैनीटाईज़र महंगा खरीदा था तो हमने भी उसी रेट के हिसाब से बेचा। जब हमारे संवाददाता ने कहा कि आप सरकार के बनाए हुए कानून के अनुसार ऐसा नहीं कर सकते तो उन्होने कहा कि मैने चैक किया था और उसके बाद से हमने ये बेचना बंद कर दिया है।
बड़े सवाल
क्या कोई भी अस्पताल या मैडिसन शॉप वाला अगर ऐसे ही ग्राहकों को जरुरी सामान के दोगुणे से ज्यादा दाम लेगा तो क्या यह ब्लैक मार्केट नहीं है ? क्या प्रशासन को लोगों को आ रही इस समस्या का हल नहीं करना चाहिए ? इस समय जब सारे देश में आपदा हालात बने हुए हैं और सरकार द्वारा जरुरी वस्तुऔं के मुल्य तय हैं फिर भी कैपीटोल अस्पताल या जो ऐसे लोगों से तय मुल्यों से ज्यादा दाम ले रहे हैं सेहत विभाग उन पर कब कार्यवाही करेगा ?
अब देखना ये है कि सेहत विभाग ऐसे तथ्य उजागर होने के बाद अस्पताल पर क्या कार्यवाही करता है। वीकैंड रिपोर्ट जनहित में ऐसे मामलों को उजागर करता रहेगा। अगर आपके पास भी ऐसा कोई मामला आता है तो आप इस बारे में हमसे संपर्क कर सकते हैं। हम आपकी बात सरकार तक पहुंचाने की पूरी कोशिश करेंगें।
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